नई दिल्ली। पीएम मोदी के अनुसार अब तक के सबसे ‘गुड एंड सिंपल टैक्स’ का उन्हीं के गुजरात में उग्र विरोध हो रहा है। व्यापारी सड़कों पर उतर आए हैं। उन्हे जवाब देने के लिए भाजपा कार्यकर्ता भी सड़कों पर आ गए। पुलिस ने लाठीचार्ज करके व्यापारियों को खदेड़ दिया। कई व्यापारी घायल हुए हैं। इसके अलावा देश के कई शहरों जीएसटी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। विश्व हिंदू परिषद ने भी पूजा सामग्री पर जीएसटी का विरोध किया है। ताजा मामला गुजरात के सूरत का है जहां कपड़ा व्यापारियों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ीं। उनका कसूर इतना ही था कि वो बीती 1 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए GST का विरोध कर रहे थे। जब व्यापारी विरोध कर हे थे उसी वक्त पुलिस की ओर से लाठी चार्ज किए जाने के कारण बुरी तरह से भगदड़ मच गई और लोग गिरने लगे। इतना ही नहीं पुलिस ने खींच-खींच कर लोगों को पीटा।
उत्तराखंड में भी विरोध प्रदर्शन
उत्तराखंड में जीएसटी को लेकर विरोध जता रहे हल्द्वानी के प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री नवीन वर्मा ने मीडिया को बताया कि व्यापारी जीएसटी का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन जीएसटी के कुछ प्रावधान व्यापारियों के खिलाफ है। जीएसटी में छोटे और मझोले व्यापारियों के लिए कोई भी ऐसा प्रावधान नहीं है जिससे व्यापारियों को राहत मिल सके। कुछ व्यापारियों की मांग यह भी है कि पहले सरकार सभी शहरों व कस्बो में शिविर लगाकर व्यापारियों को जीएसटी के बारे में विस्तार से बताएं उसके बाद ही इस कानून को लागू किया जाए।
मैनपुरी यूपी में कपड़ा बाजार बंद
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मैनपुरी। जीएसटी के विरोध में रविवार को शहर के प्रमुख कपड़ा मार्केट और दुकानें बंद रहीं। इस दौरान व्यापारियों ने अन्य दुकानें भी बंद कराईं। इसके बाद बजाजा बाजार में धरना-प्रदर्शन किया। केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। व्यापारियों ने कपड़ा बाजार सोमवार को भी बंद रखने का निर्णय लिया है। वहीं बंद से 20 लाख का व्यापार प्रभावित हुआ है। प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने बजाजा बाजार, लेनगंज, सदर बाजार, करहल रोड, आगरा रोड आदि पर घूम-घूम कर कपड़ों की दुकानों को बंद कराया। इसके बाद बजाजा बाजार में एक स्थान पर बैठकर धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार और जीएसटी के विरोध में नारेबाजी की।
किशनगढ़ राजस्थान में बेमियादी बाजार बंद
किशनगढ के मार्बल उद्योग से जुड़े व्यवसायियों ने अनिश्चितकालीन बंद शुरू कर दिया है। मार्बल व्यवसायियों ने सोमवार को सडकों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में मार्बल कारोबार से जुड़े सैंकडों लोगों ने जीएसटी के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध दर्ज कराया। विरोध प्रदर्शन के कारण किशनगढ का मार्बल व्यवसाय और उससे जुड़े सारे कारोबार पूरी तरह बंद रहे। मार्बल कारोबारियों ने दावा किया है कि जीएसटी के चलते मार्बल व्यावार पूरी तरह खतरे में पड़ जाएगा। इससे जुड़े हजारों कारोबारियों और श्रमिकों का जीवन यापन खतरे में आ जाएगा।
महाराष्ट्र में दल मिलें बंद
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जलगांव की दाल मिलों ने बंद का आयोजन किया। इस बंद के चलते लगभग 30 करोड़ का कारोबार ठप होने की जानकारी मिल रही है। दाल मिल एसोसिएशन का कहना है कि जीएसटी के तहत वस्तु व सामग्री की विक्री को लेकर शहर के 15 हजार दुकानदार-व्यवसायियों ने अपने जमा खर्चे का सॉफ्टवेयर बदला है। अब मूल्यवर्धित कर की बजाय जीएसटी के अनुसार ग्राहकों को कम्प्यूटराइज्ड बिल देना पडेगा। इस बिल पर जीएसटी नंबर, ई-मेल और पूरा पता आदि की जानकारी भी देनी पड़ेगी। इसके अलावा केंद्रीय दाम निर्धारण समिति द्वारा सूचित किये गए तथ्यों के अनुसार सबंधित वस्तु पर जीएसटी लगाया जाएगा। हालांकि अब तक वैट लगाया जा रहा था। इसके चलते विभिन्न जमा खर्च सॉफ्टवेयर में वैट के अनुसार बदले गये थे। बार बार सॉफ्टवेयर में बदलाव मंजूर नहीं है।