मुकेश मोदी/भोपाल। मध्यप्रदेश में माल और सेवा कर अधिनियम (जीएसटी एक्ट) 2017 प्रभावशील हो गया है। अधिनियम के प्रभावशील होने से मध्यप्रदेश शासन के वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग द्वारा उद्योग संवर्धन नीति के अंतर्गत जिन निर्माता व्यवसायियों को निवेश संवर्धन सहायता योजना के अंतर्गत वेट और केन्द्रीय विक्रय कर की जमा की गयी राशि पर प्रतिपूर्ति के लिये पात्र घोषित किया गया है, उन्हें एक जुलाई, 2017 के बाद की अवधि के लिये देय जीएसटी पर प्रतिपूर्ति की पात्रता नहीं होगी।
प्रतिपूर्ति अथवा रियायतों के संबंध में वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग द्वारा जब तक कोई नई नीति जारी नहीं की जाती है, तब तक उन्हें वेट एवं केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम के अंतर्गत चुकाये गये कर की प्रतिपूर्ति की पात्रता एक जुलाई, 2017 के बाद देय जीएसटी के संबंध में नहीं होगी।
प्रदेश में प्रवेश कर अधिनियम के समाप्त होने एवं जीएसटी में समाहित हो जाने से प्रवेश कर अधिनियम के अंतर्गत उद्योगों को दी जाने वाली कर मुक्ति के प्रावधान भी एक जुलाई, 2017 से समाप्त हो गये हैं। इसी प्रकार विलासिता कर अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न होटलों को प्राप्त छूट भी जीएसटी में समाहित हो जाने से एक जुलाई से समाप्त हो गयी है। मनोरंजन कर अधिनियम के जीएसटी में समाहित हो जाने से सिनेमा-घरों और मनोरंजन पार्क आदि को प्राप्त छूट के प्रावधान भी जुलाई से समाप्त हो गये हैं।