सर्वेश त्यागी/ग्वालियर। शहर का हजीरा इलाका अंडरवर्ल्ड बनता जा रहा है। यहां अपराधियों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती बल्कि अपराधियों की शिकायत करने वालों और पुलिस के मुखबिरों की हत्या कर दी जाती है। 2 दिन पहले यहां पुलिस मुखबिर प्रशांत की हत्या कर दी गई थी। बुधवार रात पाँच हथियारनबंद बदमाशों ने लेवल थ्री बीयर बार में घुसकर बियर बार कर्मचारी विनोद श्रीवास्तव की गोली मार कर हत्या कर दी। बदमाश बार मैनेजर की तलाश में आए थे क्योंकि कुछ दिनों पहले ही उसने पुलिस से बदमाशों की शिकायत की थी। सबसे शर्मनाक बात तो ये है कि बीयर बार के कुछ कदम दूर हाजीरा थाने की पुलिस चौकी भी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार की रात हाजीरा चौक के पास होटल ग्वालियर प्राइड में लेवल थ्री नाम से एक वियर बार है जिसका काम मनोज शिवहरे सम्हालता है। उसमें 5 लोग हथियार लेकर अंदर घुस गए और काउंटर पर बैठे विनोद श्रीवास्तव को गोलिया चलाते हुए बाहर लाये और और उसे गोली मार दी। इससे पहले बदमाशों ने बाहर पार्किंग में तैनात गार्ड भरत पांडये को लाठियों से पीट पीट कर बेहोश कर दिया, उसके बाद बाहर रखी गाड़ियों में तोड़ फोड़ की, बदमाश बार मेनेजर मनीष शिवहरे को मारने आये थे जो घटना के समय खाना खाने गया था।
एएसपी दिनेश कौशल ने बताया कि हजीरा पुलिस चौकी के पास स्थित लेवल थ्री वीयर बार मनीष सम्भालता है बार के आस पास कल्लन कोरी निवासी घोसीपुरा अबैध शराब बेचता है, जिसको लेकर मानिष और कल्लन के बीच झगड़ा हुआ था मनीष ने कल्लन से कहा कि तू अबैध शराब बेचना बन्द कर दे नहीं तो मै तेरी पुलिस में शिकायत कर दूंगा इस बात पर कुछ दिन पहले कल्लन नाराज हो गया और मनीष को धमकी देते हुए गया कि मै तुझे देख लूंगा, उसके बाद कल्लन और उसके साथियों ने ही प्लान करके ये हमला किया होगा। मनीष शिवहरे का कहना है कि मैने अवैध शराब बेचने के मामले में हजीरा थाने में फोन पर शिकायत भी की थी परंतु उन्होंने कहा कि टी आई साहब बाहर गए है उनके आने के बाद कुछ सिपाही भेजता हूँ।
हजीरा एरिया में क्राइम बढ़ने के मुख्य कारण
अपराधी-नशेड़ियों की गढ़ में न तो पुलिस गश्त हो रही है और न ही चेकिंग पॉइन्ट। ऐसे लोंगो की धरपकड़ नहीं की जा रही है जो ड्रग्स, अफीम, शराब, स्मेक के नशें को तफरीह देते हैं। दिन में तो हेलमेट न पहनने बालों पुलिस चालान वसूलती और शाम ढलते ही पुलिस गायब हो जाती है। अपराधियों में पुलिस का खोफ न होना, इसलिए ही अपराधी बेखोफ घूमते है।