
उन्होंने इस बारे में कसासोड के सांसद पी. करुणाकरन को भी जानकारी दी है। विश्वविद्यालय ने हाल ही में नए स्टूडेंट्स के लिए पर्याप्त छात्रावास की सुविधा सुनिश्चित किए बिना ही विभिन्न पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या बढ़ा दी है। विश्वविद्यालय ने भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही इस विषय को सामने लाने वाले छात्रों की मांग को सुनने से इंकार कर दिया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि कुलपति डॉ. जी गोपाकुमार के चैंबर के सामने विरोध करने के बाद ही वह मिलने के लिए आए। डॉ गोपाकुमार ने इस मुद्दे पर स्टूडेंट्स के माता-पिता से मिलने से भी इनकार कर दिया। हालांकि, उन्हें कुलपति से मिलने के लिए कार्यालय के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ा था।
छात्रों के प्रतिनिधि विशाख विश्वांबरन ने बताया कि वीसी ने उनकी मांगों के प्रति नकारात्मक रुख दिखाया। गवर्निंग काउंसिल ने उचित आवास व्यवस्था सुनिश्चित किए बिना ही सीटों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया। छात्रों की सुविधाओं की व्यवस्था करने की उनकी जिम्मेदारी है। पेरिया जैसी जगहों पर निजी हॉस्टल और घरों को ढूंढना मुश्किल है और पिछड़े वर्गों के लोग यहां के किराये का खर्च नहीं उठा सकते हैं।