
एलआईसी के पास 30 जून 2017 तक आईटीसी के 16.29 फीसदी शेयर थे। भारतीय इंश्योरेंस कंनपनियों को इससे करीब 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आईटीसी के शेयरों में 1992 से लेकर अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है।
दरअसल जीएसटी लागू होने के बाद सिगरेट पर 28 फीसदी टैक्स लग रहा था जो पुराने दर के मुकाबले 8 फीसदी कम था। जीएसटी लागू होने के बाद एक्साइज ड्यूटी खत्म हो गई थी, जिससे सिगरेट सस्ती हुई थी। इस फैसले से सरकार को 5 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त रेवेन्यू मिलेगा जो अभी तक मैन्युफैक्चरर्स के खाते में जा रहा था।
65 मिमी तक लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस को बढ़ाकर 485 रुपए कर दिया है। सेस की यह रकम प्रति 1,000 सिगरेट पर वसूली जाएगी। वहीं 65 मिमी से लंबी सिगरेट पर लगने वाले सेस की दर को बढ़ाकर 792 रुपए कर दिया गया है।