भोपाल। एनजीटी ने आज भोपाल में चल रही डेयरियों की तोड़फोड़ पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया परंतु नगर निगम को आदेशित किया कि जिन डेयरियों को तोड़ा गया है, उनकी व्यवस्था 48 घंटे के भीतर सुनिश्चित की जाए। सुनवाई के दौरान सामने आया कि नगर निगम शिफ्टिंग के नाम पर केवल तोड़फोड़ कर रहा है। डेयरी संचालकों ने एडवोकेट ने एनजीटी को याद दिलाया कि नियमानुसार बारिश के मौसम में शिफ्टिंग नहीं होती परंतु एनजीटी कार्रवाई को रोकने के लिए तैयार नहीं हुआ।
शहर के अंदर मौजूद डेयरियों से हो रहे पर्यावरण नियमों के उल्लंघन को लेकर दायर याचिका पर सोमवार को एनजीटी में सुनवाई हुई। निगम आयुक्त छवि भारद्वाज ने ट्रिब्यूनल को बताया कि सारी तैयारियों के साथ डेयरी शिफ्टिंग का काम शुरू हो गया है। शुरूआत कालापानी और बैरागढ़ से शुरू की गई है। कुछ डेयरियों की शिफ्टिंग भी हो गई है।
वहीं सुनवाई के दौरान डेयरी संचालकों ने बताया कि जो स्थान उन्हें आवंटित किया गया है वो अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है। डेयरी संचालकों के वकील ओम शंकर श्रीवास्तव ने अपनी दलील में कहा कि 15 जून से बारिश शुरू हो चुकी है और नियम के अनुसार बारिश में न तो किसी प्रकार की शिफ्टिंग होती है और ना ही तोड़-फाेड़ की जाती है। जबकि शिफ्टिंग के नाम पर अभी केवल तोड़-फाेड़ ही हुई है और जमीनी स्तर पर कोई तैयारी नहीं है। उधर, निगम के वकील विवेक चौधरी के अनुसार पहले ही डेयरी संचालकों को नोटिस दिया जा चुका है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने डेयरियों की शिफ्टिंग पर राेक लगाने से साफ इंकार कर दिया है। नगर निगम को आदेश दिए हैं कि शिफ्टिंग के लिए शहर में मौजूद जिन डेयरियों की तोड़-फोड़ की है उनकी व्यवस्था अगले 48 घंटे में करे। साथ ही शिफ्टिंग की तैयारियों की रिपोर्ट दो दिन में प्रस्तुत करने को कहा है।