
मंगलवार को यह खबर वायरल हुई थी कि अमेरिकी कंपनी मेसर्स CDM SMITH INC ने NHAI अधिकारियों को 2011 और 2015 के बीच रिश्वत देने की बात स्वीकार की हैं अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार बोस्टन की निर्माण इंजिनियरिंग कंपनी ने भारत में ठेका हासिल करने के लिए 2011 से 2015 के बीच NHAI के अधिकारियों को 11.8 लाख डॉलर की रिश्वत कथित रूप से दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए NHAI ने अपने अधिकारियों को कथित रिश्वत भुगतान मामले की जांच शुरू की है। मामला सामने आने के बाद भारत सरकार ने आरोपों की जांच करने का आदेश दिया। NHAI ने कहा कि सीडीएम स्मिथ भारत में सड़क क्षेत्र में पिछले कुछ समय से काम कर रही है। हालांकि 2015 में तीन महीने के लिए उस पर NHAI की परियोजनाओं में बोली लगाने को लेकर पाबंदी लगाई गई थी। इसका कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या तीन के धौलपुर-मोरेना खंड में सेवा में कमी पाया जाना था। एनएचएआई के अनुसार, 'फिलहाल मेसर्स सीडीएम स्मिथ के पास एनएचएआई का कोई ठेका नहीं है।'