पन्ना। पन्ना राजघराने के सदस्य व पूर्व सांसद लोकेन्द्र सिंह व राजमाता दिलहर कुमारी को शनिवार को महल में अंदर नहीं आने दिया गया। उन्हें महल के मुख्यद्वार पर ही रोक दिया गया। ऐसे में दोनों ही बरसात में तीन घंटे तक महल के मुख्य द्वार पर खड़े रहे। पन्ना के राजघराने में संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। शनिवार को विवाद इतना बढ गया कि एक पक्ष ने महल के मुख्य गेट पर ही ताला लगवा। इधर युवरानी जीतेश्वरी ने कहा कि ताला राजमाता ने लगवाया था, वे उनके मिलने का मार्ग बंद करने का प्रयास कर रही है।
ऐसे हुआ विवाद:
लोकेन्द्र सिंह व राजमाता दिलहर कुमारी कुछ समय के लिए महल के बाहर गए थे। इसका फायदा उठाते हुए महल के अंदर से महारानी जितेश्वरी देवी ने गेट पर ताला लगवा दिया। जब लोकेन्द्र सिंह और दिलहर कुमारी महल वापस लौटी तो उन्हें मुख्य द्वार पर ताला लटका मिला। उन्होंने ताला खोलने के लिए कहा लेकिन जितेश्वरी देवी ताला खोलने को तैयार ही नहीं थीं। ऐसे में ये दोनों ही बाहर खडे रहे और बरसात में भीगते रहे।
घंटों चला हंगामा, गेट तोड़ने की कोशिश
विवाद के दौरान यहां बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। इस बीच बारिश भी होने लगी जिससे लोग गेट को तोड़ने का ही प्रयास करने लगे। इस बीच पुलिस के अधिकारी, प्रशासन की ओर से तहसीलदार बबीता राठौर और युवरानी भी मौके पर पहुंच गई। दोनों पक्षों के बीच काफी नोंकझोक भी हुई। इस मामले में टीआई पन्ना कोतवाली अरविन्द सिंह दांगी ने कहा कि दोनों पक्षों के निकलने के लिए एक ही गेट है। महारानी दिलहर कुमारी का कहना है कि यह गेट उनका है और वे निर्माण कराना चाहती हैं जबकि युवरानी का कहना था कि महारानी गेट तोड़कर मार्ग बंद करना चाहती है। अभी न तो पुराना गेट तोड़ा जा रहा है और न ही नया बनाया जा रहा है। फिर भी दोनों पक्ष लड़ रहे हैं।