
नई व्यवस्था के लागू हो जाने के बाद सैकड़ों उम्मीदवार इस झंझट से बच जाएंगे। आयोग के अफसरों ने बताया कि इस व्यवस्था पर पिछले वर्ष से ही अमल किया जा रहा है। पीएससी की अधिसूचना जारी होने से लेकर प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के परिणाम को तय समय-सीमा में जारी किया जाएगा।
दावा-आपत्ति की तैयारी पहले से
मॉडल आंसर जारी करने से पहले दावा-आपत्ति के लिए अब आयोग इंतजार नहीं करेगा, बल्कि पहले से ही तैयारी कर ली जाएगी। प्रत्येक परीक्षा के बाद मॉडल आंसर में गड़बड़ी को लेकर भारी संख्या में उम्मीदवारों द्वारा दावा-आपत्ति लगाई जाती है। इसके निपटारे की प्रक्रिया में देरी होने से ही परीक्षा परिणाम पर भी विपरीत असर दिखता है। लेकिन अब आयोग द्वारा दावा-आपत्ति को लेकर नए सिस्टम के तहत काम होगा। इतना ही नहीं मामला न्यायालय में ना जाए, इसके लिए आयोग पहले से ही कैविएट दायर करेगा।
अभी लगता है दो साल से ज्यादा का वक्त
वर्तमान में राज्य सेवा परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को निपटाने में आयोग को डेढ़ से दो साल का वक्त लग रहा है। आयोग को एक सिविल सेवा भर्ती परीक्षा को पूरा कराने में एक वर्ष 10 माह तक लग जाता है। इतनी लंबी अवधि होने की वजह से युवाओं का रुझान पीएससी के प्रति घटते जा रहा है। सिविल सेवा एक्जाम के चक्कर में उम्मीदवार कई अन्य नौकरी ज्वाइन नहीं कर पाते। इन्हीं सब समस्याओं के अध्ययन के बाद आयोग ने भर्ती प्रक्रिया को एक साल के अंदर ही पूर्ण कराने का निर्णय लिया है।