
हुआ यूं कि पत्रकार निखिल वाग्ले ने कोविंद, नायडू और मोदी को लेकर एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- आजादी के बाद पहली बार, 3 आरएसएस के लोग देश के शीर्ष राजनीतिक पदों पर होंगे। कोविंद, नायडू और मोदी। जय संघ राष्ट्र!
निखिल वाग्ले के इस ट्वीट पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी संजय दीक्षित ने कड़क रिप्लाई किया। संजय ने अपने ट्वीट में लिखा- आपने कभी नहीं सुना “जय नेहरू-गांधी राष्ट्र”। ओके। ये हकदार थे, यही लोकतंत्र है। बुरी तरह चोट लगी है?”
संजय दीक्षित के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक वह राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस पत्रकार निखिल वाग्ले ने मंगलवार को जवाब देते हुए लिखा- “पहले आईएएस अफसर की नौकरी छोड़ो और फिर मुझसे बात करो। आरएसएस के एजेंट की तरह काम ना करें।”Never heard you say "Jai Nehru-Gandhi Rashtra". Ok. That was entitlement, this is democracy. Hurting badly? https://t.co/jXa5y6x84K— Sanjay Dixit संजय (@Sanjay_Dixit) July 18, 2017
हमने जब आईएएस अफसर संजय दीक्षित का ट्वीटर हेंडल @Sanjay_Dixit का सर्वे किया तो वो आईएएस अफसर कम आरएसएस कार्यकर्ता ज्यादा लगे। उन्होंने लगभग हर विवादित मुद्दे पर अपने विचार पोस्ट किए हैं और सभी लगभग वैसे ही हैं जैसे भाजपा या आरएसएस के कार्यकर्ता करते हैं। बता दें कि भारत में शासकीय सेवाएं देने वाले अफसरों को इस तरह की अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। वो एक विशेष प्रकार के सेवा एवं आचरण नियमों से बंधे होते हैं।