
सूत्रों के अनुसार, किसानों के गुस्से से लेकर भाजपा के खिलाफ बन रहे माहौल को समझने के लिए आरएसएस के 'महाकौशल प्रांत' के पदाधिकारियों के अलावा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन मंत्री सुहास भगत, सरकार राज्य की ओर से तीन मंत्री जिनमें कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, वित्तमंत्री जयंत मलैया और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री कुसुम महदेले के साथ एक बैठक बुलाई।
सूत्रों का दावा है कि संघ के पास जो ग्राउंड रिपोर्ट पहुंची है वो चिंता बढ़ाने वाली है क्योंकि अब जो मप्र में शिवराज सिंह का विरोध दिखाई दे रहा था परंतु पहली बार किसानों में भाजपा के खिलाफ गुस्सा दिखाई दे रहा है। व्यापमं के कारण बेरोजगार, जीएसटी के कारण छोटे व्यापारी और नौकरियों से हटाए गए संविदा कर्मचारी पहले से ही भाजपा के खिलाफ हो गए हैं। ऐसे में यदि किसान भी नाराज हो गया तो मप्र में भाजपा की हालत ठीक वैसी ही हो जाएगी जैसी यूपी में कांग्रेस की हो गई है।