नई दिल्ली। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार का मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत चीन के बीच चल रहे तनाव में चीन पर दैवीय हमला करने तैयारियां शुरू कर दीं हैं। कुछ विशेष तांत्रिक प्रयोग प्रस्तावित हुए हैं जिनके चलते चीन को भारी नुक्सान पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा चीन के विरोध के लिए पूरे देश को एकजुट करने की कोशिशें भी तेज हो गईं हैं। इस बार आरएसएस केवल चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील नहीं कर रहा बल्कि नागरिकों से अपील कर रहा है कि वो देशहित में एक विशेष प्रकार के मंत्र का दिन में 5 बार जप करें। इससे भारत मजबूत होगा और चीन कमजोर हो जाएगा।
आरएसएस के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि 'कैलाश, हिमालय और तिब्बत चीन की असुरी शक्ति से मुक्त हो' इस मंत्र का जाप हर भारतीय को फिर चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान पूजा-अर्चना या नमाज से पहले करना चाहिए। इससे चीन के हितों को नुकसान पहुंचेगा और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा पैदा होगी।
गौरतलब है कि आरएसएस और उसके सहयोगी संगठन लगातार चीन के उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चला रहे हैं। दीपावली के समय चीनी पटाखों और लाइटों का इस्तेमाल न करने की उसकी मुहिम का काफी असर देखा गया था। अब जबकि चीन के साथ रिश्ते कड़वे होते जा रहे हैं तो स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है।
लोगों को उन चीन उत्पादों के बारे में जानकारी दी जा रही है जिनके चीन से आयात होने के बारे में अभी ज्यादा लोग नहीं जानते। रक्षाबंधन के मौके पर चीनी राखियों से बाजार पट जाता है। संघ की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग चीनी उत्पादों का बहिष्कार करें ताकि पड़ोसी देश को भारतीयों की एकता की ताकत का अहसास कराया जा सके।