भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों की कहानियां भी बढ़ी रोचक हैं। कहीं स्कूलों के पास इतने अतिरिक्त कमरे हैं कि सरपंच ने गाय भैंस बांध रखीं हैं, सचिव ने किराए पर चढ़ा दिए तो सिवनी में हालत यह है कि प्रिंसिपल को बैठने के लिए जगह नहीं मिली। मजबूरी में उन्होंने शासकीय मद से बने नवीन मूत्रालय को भी प्राचार्य कक्ष बना लिया।
घंसौर ब्लॉक के पहाड़ी गांव में बने हाई स्कूल में बदहाली की आश्चर्यचकित करने वाली तस्वीर सामने आई है। ये तस्वीर अकेले ही अनगिनत सवाल खड़े कर रही है। क्योंकि कहने के लिए तो कुछ साल पहले ही स्कूल की बिल्डिंग बनाई गई है। लेकिन भवन बनाने की सही जगह चुनने का खामियाजा आज भी स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।
पर शर्मिंदा करने वाली बात यह है कि स्कूल में पर्याप्त कक्ष नहीं होने के चलते प्राचार्य ने स्कूल के मूत्रालय में अपना कक्ष बना लिया और इसी मूत्रालय में महापुरुषों की तस्वीर भी लगा दी। अब स्कूल प्रशासन कह रहा है कि विभाग ने स्कूल भवन ऐसी जगह बना दिया है, जंहा पानी की कोई व्यवस्था ही नहीं है, जबकि स्कूल में 9वीं और 10वीं के करीब 300 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। स्कूल में खेल का मैदान नहीं है। इसके आलावा पानी की कमी के चलते कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समस्या की शिकायत प्राचार्य कई बार अधिकारियों से कर चुकी हैं। लेकिन हालत जस के तस हैं।