
यमुना कॉलोनी स्थित आवास में पत्रकारों से बातचीत में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को सुनने के लिए गठित शिकायत व सुझाव प्रकोष्ठ में चौंकाने वाली शिकायतें मिली हैं। तबादलों के लिए कई लोगों ने पूरी तरह भ्रामक सूचना दी है।
इन्हें बताते हुए भी शर्म महसूस हो रही है। गलत तबादलों के कारण किसी शिक्षक का अहित न हो, इसके लिए तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया तत्काल बंद की जा रही है। शिक्षकों के तबादलों के लिए बनाई गई कोटिकरण व्यवस्था में भी कई प्रकार की त्रुटियां सामने आई हैं।
यह भी देखने में आया है कि जो व्यक्ति 20 वर्षों से अधिक समय से अति दुर्गम में तैनात है और अब वह क्षेत्र इस श्रेणी से हट गया है, इससे उसके तबादले में फिर अड़चन आ सकती है। इसे देखते हुए अब सभी व्यवस्थाओं को नए सिरे से सुधारा जाएगा। इसके लिए विभाग के योग्य अधिकारियों का सहयोग व सुझाव लेने के लिए एक टीम बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि तबादलों में वे मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को भी नहीं मानेंगे। कहीं शक होने पर मेडिकल प्रमाण पत्रों का परीक्षण किया जाएगा। जो वास्तव में गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं और जो पूर्ण रूप से विकलांग हैं, ऐसे लोगों का परीक्षण करने के बाद उनके तबादलों पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत तबादले इसी सत्र से पहले पहले होंगे, मगर इन्हें नए सत्र से लागू किया जाएगा।