बिजनौर/यूपी। चंदक में बालावाली चौकी इंचार्ज सहजोर सिंह की रेत माफिया ने गला काटकर हत्या कर दी। इससे पहले पुलिस अधिकारी एवं माफिया के गुर्गों के बीच संघर्ष हुआ। मौके पर संघर्ष के निशान दिखाई दे रहे हैं। माना जा रहा है कि माफिया ने पुलिस अधिकारी को काबू किया और उसकी पिस्तौल छीन ली। इसके बाद उसे बेरहमी से पीटा गया। उसकी उंगली काट ली गई। फिर गर्दन काटकर हत्या कर दी। पुलिस के पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। वो हत्यारों का सुराग तक नहीं लगा पाई है। पुलिस अधिकारी की लावारिस लाश ग्रामीणों को मिली। लोगों का कहना है कि यह इलाका रेत माफिया का है। पुलिस अधिकारी अवैध गतिविधि देखकर रुके होंगे और पूछताछ कर रहे होंगे तभी यह हमला किया गया।
उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड सीमा पर गंगा किनारे मंडावर थाने की बालावाली पुलिस चौकी पर करीब एक वर्ष से दारोगा सहजोर सिंह मलिक प्रभारी थे। कल रात वह बाइक से मंडावर थाने से 20 किमी दूरी स्थित बालावाली पुलिस चौकी जा रहे थे। गोपालपुर गांव से कुछ दूर बंद पड़ी कांच की फैक्ट्री के समीप बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी।
रास्ते से जा रहे एक युवक ने मार्ग पर बाइक खड़ी होने की सूचना गोपालपुर में दी तो ग्रामीणों ने पुलिस को बताया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शव सड़क किनारे खेत में पड़ा था। गर्दन व अंगुली कटी हुई थी। शरीर पर चोट के कई निशान थे और सरकारी पिस्टल गायब थी। अंदेशा है कि मौत से पहले दारोगा से मारपीट व हाथापाई हुई।
डीएम जगतराज तथा एसपी अतुल शर्मा कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। सहजोर सिंह मलिक चौकी पर बने आवास में ही रहते थे। उनका परिवार मेरठ के कंकडखेड़ा में बाईपास पर रहता है। सहजोर सिंह मूलत: शामली के लिसाढ़ गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार मेरठ के कंकरखेड़ा में रहता है।
जहां हत्या हुई वह खादर का इलाका थाने से लगभग 8 किमी दूर है। इसके पास ही बालावाली गंगा पुल बिजनौर और हरिद्वार को जोड़ने वाला पुल है। अंग्रेजों के जमाने के इस पुल पर बस और ट्रक को छोड़कर बाकी वाहनों के लिए यातायात कुछ समय पूर्व ही शुरू किया गया है। गंगा के रेत का खनन यहां से होता है। आशंका है कि हत्या के पीछे खनन माफिया का हाथ हो सकता है।