लखनऊ। यूपी विधानसभा में सपा विधायक मनोज पांडे की सीट के नीचे अत्यंत खतरनाक विस्फोटक मिला है। इसका वजन मात्र 150 ग्राम है परंतु यह आधी विधानसभा को तबाह करने और मौजूद लोगों की मौत के लिए काफी है। विस्फोटक पदार्थ का नाम PETN है। मात्र 500 ग्राम PETN पूरी विधानसभा के चीथड़े उड़ाने के लिए काफी है। अलकायदा के आतंकवादी इसका उपयोग करते हैं। इसे भारत में मौजूद किसी भी सुरक्षा प्रणाली से पकड़ा नहीं जा सकता। चौंकाने वाली बात यह है विधानसभा जैसे अति सुरक्षित भवन के भीतर यह विस्फोटक कैसे पहुंच गया, अभी तक पता नहीं चल पा रहा है। माना जा रहा है कि 15 अगस्त को यूपी की विधानसभा को उड़ाने के लिए इसे लाया गया था।
12 जुलाई की सुबह यूपी विधानसभा के अंदर विस्फोटक मिला। ये उस जगह पर रखा था जहां तमाम पार्टियों के विधायक बैठते हैं। ये विस्फोटक समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पांडे की सीट के नीचे मिला है। मनोज ने सीएम योगी से विधानसभा की सुरक्षा और कड़ी करने की मांग की है।
PETN है इस विस्फोटक का नाम
इस विस्फोटक का नाम PETN बताया जा रहा है। एफएसएल की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। बड़ा सवाल यह है कि यह विस्फोटक अंदर कैसे पहुंचा? विधानसभा के अंदर घुसने से पहले कई सुरक्षा घेरों की तरफ से की गई जांच से गुजरना पड़ता है। विस्फोटक मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने आस पास के इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
CCTV कैमरे में भी नहीं मिला सुराग
विधानसभा के अंदर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों से भी ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है जिससे पता चल सके कि ये विस्फोटक विधानसभा भवन के अंदर कौन लाया था। बताया जा रहा है कि विधानसभा के अंदर ये विस्फोटक नीले रंग की पॉलीथीन में रखा गया था। भवन की सभी सीसीटीवी फूटेज की जांच की जा चुकी है। सवाल यह है कि क्या कोई भरोसेमंद कर्मचारी या सदन में प्रवेश की सहज अनुमति प्राप्त कोई व्यक्ति इसे लाया था।
15 अगस्त को विधानसभा उड़ाने का प्लान
कहा जा रहा है कि 15 अगस्त या इसके आसपास पूरी विधानसभा को उड़ाने की प्लानिंग थी। सदन में 150 ग्राम PETN मिला है। पूरे सदन को उड़ाने के लिए मात्र 500 ग्राम की जरूरत है। अभी इसके साथ डेटोनेटर भी नहीं मिला है। तो क्या यह विस्फोटक की पहली किस्त थी। इस तरह की तीन किस्तों में विस्फोटक लाकर सदन के भीतर ही डेटोनेटर अटैच किए जाने का प्लान था। इन दिनों यूपी में बजट सत्र चल रहा है। लगभग सभी विधायक और सीएम मौजूद हैं।
क्या है PETN, क्या पकड़ा जा सकता है
पीईटीएन बहुत शक्तिशाली प्लास्टिक विस्फोटक होता है। यह गंधहीन होता है इसलिए इसे पकड़ने में काफी मुश्किल आती हैं। खोजी कुत्ते और मेटल डिटेक्टर भी इसका पता नहीं लगा सकते। बहुत कम मात्रा में होने पर भी पीईटीएन से बड़ा धमाका हो सकता है। इसका सेना और खनन उघोग में भी इस्तेमाल किया जाता है। वह भी विशिष्ट और खास तरह के मामलों में ही पीईटीएन का इस्तेमाल करते हैं। बड़ी बात यह है कि यह कोई मेटल यानी धातु नहीं होता इसलिए एक्स-रे मशीन भी इसे नहीं पकड़ पाती। यह एक रासायनिक पदार्थ होता है।
भारत में कहां हुआ PETN का इस्तेमाल
7 सितंबर 2011 को दिल्ली हाईकोर्ट में हुए ब्लास्ट में PETN का इस्तेमाल किया गया था। इस ब्लास्ट में 17 लोग मारे गए थे और 76 लोग घायल हुए थे। इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि ब्लास्ट में PETN की काफी कम मात्रा इस्तेमाल की गई थी, लेकिन उसने काफी बड़ा नुकसान किया।
दुनिया में कब-कब हुआ इस्तेमाल
2001: शू बॉम्बर के नाम से मशहूर टेररिस्ट रिचर्ड रीड ने मियामी से जाने वाले अमेरिकन एयरलाइंस जेट पर इसका इस्तेमाल किया था।
2009: अलकायदा मेंबर उमर फारुख अब्दुलमुतल्लब ने नॉर्थवेस्ट जाने वाली एक फ्लाइट में PETN के इस्तेमाल की कोशिश की,लेकिन नाकामयाब रहा। वो अपने अंडरवियर में एक्सप्लोसिव छिपाकर ले गया था और पकड़ा गया।
2010: इस साल अक्टूबर महीने में यमन से अमेरिका जाने वाले एक कार्गो प्लेन में PETN मिला था।
2011: दिल्ली हाईकोर्ट में ब्लास्ट किया गया।
क्या राजीव गांधी की हत्या में इसी से हुई
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद कहा गया था कि उसमें आरडीएक्स का उपयोग किया गया है। एक अन्य रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वो प्लास्टिक एक्प्लोसिव था जो मेटल डिटेक्टर द्वारा पकड़ा नहीं जा सकता। खोजी कुत्ते भी उसके सूंघ नहीं सकते। राजीव गांधी की सुरक्षा में मेटल डिटेक्टर का ही उपयोग किया गया था। जांच के बाद भी आत्मघाती दल अंदर तक घुसा। तो क्या वो भी PETN ही था।