
सिन्हा के खिलाफ कलकत्ता के सेक्शपीयर सरानी थाने में 12 जुलाई को भारतीय अचार संहिता की धारा 153 ए1 (ए)(बी), 505(1)(बी),295ए,120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं के जरिए राकेश सिन्हा के खिलाफ दंगा भडकाने, लोगों की भावनाओं को आहत करने और भविष्य में उनके बयानों के जरिए दंगा भडकने की आशंका जताई गई है। प्राथमिकी में यह भी आरोप है कि सिन्हा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ऐसे फोटो और व्यक्तव्य डाले हैं। जिससे सूबे की शांति व्यवस्था भंग हुई है।
बंगाल गए भी नहीं प्राथमिकी दर्ज
राकेश सिन्हा का कहना है कि मुझे पता नहीं कैसे मैंने पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था को अशांत कर दिया। सिन्हा का कहना है कि वे लंबे समय से पश्चिम बंगाल गए भी नहीं है। बावजूद उसके उनके खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है। यह पूरी तरह बदले की राजनीति से प्रेरित कदम है। उन्होंने बताया कि मेरे टवीटर और फसेबूक पेज पर दंगा भडकाने वाले बातों के लिखे जाने का एफआईआर में वर्णन है। जबकि मैंने अपने सोशल मीडिया साईट पर कोई विवादित फोटो नहीं डाली है। बीते कई दिनों में महज तीन फोटो डाली हैं। जिसमें एक तस्वीर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से पुरस्कार ग्रहण करते वक्त, दूसरी फोटो पीएम मोदी के साथ बुक रिलीज के एक कार्यक्रम की है और तीसरी फोटो उज्जैन के महाकाल की है।