
गडकरी ने सदन में बताया कि मिनिस्ट्री ने पिछले साल एक स्पेशल प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। जिसके जरिए देशभर के पुलों और पुलिया के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई। सरकार ने ये कदम हादसे रोकने के लिए उठाया। रोड प्रोजेक्ट्स में हो रही देरी पर गडकरी ने कहा, "इसके पीछे वजह भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण और एन्वॉयरन्मेंट क्लीयरेंस हैं। 3.85 लाख करोड़ के रोड प्रोजेक्ट्स कई कारणों के चलते लेट हुए। इनमें से ज्यादातर को सुलझा लिया है और काम भी शुरू हो गया है।"
NHAI में 7.5 करोड़ रुपए की घूस देने की जांच होगी

क्या कदम उठाया मिनिस्ट्री ने?
गडकरी ने कहा, "जिस फर्म का नाम लिया जा रहा है, उसे और उससे जुड़े लोगों को दिए गए कंसल्टेंसी असाइनमेंट की लिस्ट बनाई गई है। मिनिस्ट्री ने इस मामले को एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री और अमेरिका में इंडियन एम्बेसी को भी भेजा है, ताकि यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस से वो कागजात हासिल किए जा सकें, जो उन्होंने जांच के दौरान जुटाए थे। NHAI ने उस फर्म को 2015 में 3 महीने के लिए प्रोजेक्ट में बिडिंग और इंगेजमेंट के लिए रोक लगा दी थी। इस फर्म को लोन असाइनमेंट दिए जाने के मामले में NHIDCL ने फर्म पर इस साल दो साल के लिए रोक लगा दी है। सेंट्रल विजिलेंस कमीशन ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। इसमें तीन अफसर शामिल हैं, जो जांच के बाद रिपोर्ट कमीशन को सौंपेंगे।
क्या है मामला?
यूएस डिपार्टमेंट के लेटर में कहा गया। करीब 2011 से 2015 के बीच CDM स्मिथ की डिवीजंस ने इंडिया में ऑपरेशन किए। CDM इंडिया ने अवैध तरीके से NHAI के अधिकारियों को घूस दी ताकि कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया जा सके। घूस कॉन्ट्रैक्ट प्राइज का करीब 2-4% थी और इसे फर्जी सब कॉन्ट्रैक्टर्स के जरिए दिया गया, जिन्होंने कोई भी काम नहीं किया। इस पेमेंट ने पूरी तरह अधिकारियों को फायदा पहुंचाया।