नई दिल्ली। इंटेलीजेंस ब्यूरो की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। बहराइच, बलरामपुर, गोंडा और बाराबंकी के 1000 से ज्यादा गावों को तबाह करने वाली बाढ़ प्राकृतिक नहीं थी। चीन का षडयंत्र था। चीन का हमला था। उसने नेपाल के साथ मिलकर साजिश रची और नेपाल से अपने बैराजों से एक साथ 30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया जो मौत बनकर सीमावती 1000 गावों को तबाह कर गया। इस बाढ़ में सैंकड़ों मवेशी एवं आम नागरिक मारे गए जबकि हजारों घायल हुए। डोकलाम विवाद के चलते यह भारत पर चीन का एक तरह से आतंकी हमला था। जिसमें चीन ने नेपाल का उपयोग किया।
इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) रिपोर्ट के मुताबिक औसतन बारिश के कारण बाढ़ का प्रकोप हल्का होता अगर नेपाल के बैराजों से लगातार पानी छोड़ना जारी न रहता। इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक बीते दो माह में नेपाल के बैराजों से 30 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। जिसके कारण बहराइच, बलरामपुर, गोंडा और बाराबंकी में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई। जबकि पिछले साल नेपाल के बैराजों से मात्र 10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है ब्रह्मपुत्र नदी की रिपोर्ट न देने के पीछे भी चीन की यही मंशा थी कि डोकलाम में अपनी हरकतों में नाकामयाब होने के बाद इस रास्ते भारत के नेपाल से सटे जिलों में बाढ़ की तबाही रची जाये।
नेपाल से नजदीकी बढ़ाने के पीछे चीन का उद्देश्य उसे इस्तेमाल कर भारत को प्रभावित करने की थी। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक अभी भी चीन नेपाल के रास्ते बड़ी साजिश का तानाबाना बुन रहा है। इसी के चलते सीमावर्ती जिले के अधिकारियों को नेपाल प्रशासन से वार्ता के लिए कहा गया है। वही भारत नेपाल बार्डर पर सुरक्षा भी सख्त कर दी गई है।
एहतियाती कदम उठा रहे
शनिवार देर शाम डीआईजी जीतेन्द्र प्रताप सिंह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि आईबी की रिपोर्ट को देखते हुए सभी एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं। चीन की इस साजिश से देवीपाटन मंडल के एक हज़ार से अधिक गांव प्रभावित हुये हैं। इसके साथ ही भारी क्षेत्रफल में फसलें भी बेकार हो गई हैं। अभी भी बाढ़ का प्रकोप जारी है।