
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश महिला कांग्रेस की त्रैमासिक बैठक, किसान आंदोलन के तहत भोपाल के टीटी नगर दशहरा मैदान पर हुए सत्याग्रह, दिल्ली में हाल ही में हुए आंदोलन में दो दर्जन से ज्यादा जिलों की अध्यक्ष से लेकर करीब 100 से ज्यादा प्रदेश पदाधिकारी गायब रही थीं। इसके कारण महिला कांग्रेस को कई स्तर पर अपने नेताओं के कटाक्ष सुनना पड़े थे। सत्याग्रह में तो महिला कांग्रेस की नेताओं की उपस्थिति बेहद कम रही थी। फिर दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा की मौजूदगी में हुए आंदोलन में भी आधे से भी कम पदाधिकारी पहुंचीं।
बताया जाता है कि 28 जिला अध्यक्षों को नोटिस जारी किया गया हैं, जिनमें सागर शहर सीमा चौधरी व ग्रामीण की उमा नवैया, अशोक नगर की राजकुमारी साहू, उज्जैन ग्रामीण निशा चौहान, झाबुआ कलावती मेड़ा, खंडवा ग्रामीण शशि चौहान व शहर हेमलता पालीवाल, बुरहानपुर शहर सरिता भगत व ग्रामीण चंद्रकांता पाटिल, शिवपुरी की पूनम कुलश्रेष्ठ, भिंड की रजनी श्रीवास्तव, श्योपुर की सुमन शर्मा, मुरैना की उर्मिला गुर्जर, टीकमगढ़ की रामकुमारी द्विवेदी, छतरपुर की शिवानी चौरसिया, सिवनी की कविता कहार, पन्ना की लक्ष्मी दाहत, रीवा ग्रामीण अध्यक्ष अर्चना त्रिपाठी, सिंगरौली की संगीता सिंह प्रमुख हैं।
भोपाल की तीन नेताओं को नोटिस
प्रदेश पदाधिकारियों में भोपाल की बरखा भटनागर, डेजी रानी जैन व प्रिया यादव, सागर की उपाध्यक्ष अनीता मिश्रा, सीहोर की उपाध्यक्ष रुक्मणि रोहिला, महामंत्री ममता त्रिपाठी, विदिशा की सचिव सीमा तिवारी व सुहासिनी गोहल, रायसेन की सचिव गीता ठाकुर, कटनी की सचिव हेमा शर्मा, रीवा की उपाध्यक्ष सरोजनी मिश्रा, महामंत्री प्रियंका तिवारी व पद्मा शर्मा, सचिव शांति तिवारी, सतना की सचिव कमलेश सिंह, महामंत्री सविता अग्रवाल व ओमबाला सिंह, सीधी की महामंत्री कुमुदनी सिंह, शहडोल की महामंत्री सुमनलता अग्रवाल, उमरिया की महामंत्री नसीम अख्तर खान को नोटिस जारी किए गए हैं।
नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा
बैठकों, आंदोलनों में शामिल होने के लिए फोन किए जाने और विभिन्न् माध्यमों से सूचना दिए जाने के बाद भी कई पदाधिकारी व जिला अध्यक्ष गंभीर नहीं थीं। इसलिए नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगें हैं। इसके बाद कार्यकारिणी भंग कर दी जाएगी।
मांडवी चौहान, प्रदेश अध्यक्ष, महिला कांग्रेस