शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला: 12 आरोपी दोषी घोषित, महिला जनपद अध्यक्ष भी शामिल

सतना। 1998 में हुए शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाला में 12 आरोपियों को आज दोषी घोषित किया गया। इससे पहले एक अन्य मामले में 14 आरोपियों को 7 साल की जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। अभी 2 मामले और ट्रायल पर हैं। इनमें से एक मामले में भाजपा सांसद गणेश सिंह भी आरोपी हैं। ताजा मामले में कुल 20 आरोपी थे जिनमें से 5 को दोषमुक्त कर दिया गया जबकि 3 की मौत हो चुकी है। आज जिन्हे दोषी घोषित किया गया उनमें पूर्व सांसद रामानंद सिंह की बहू एवं तत्कालीन मझगवां जनपद पंचायत अध्यक्ष बेला रानी सिंह पटेल भी शामिल हैं। 

व्यापम की तर्ज पर सतना में हुये बहुचर्चित शिक्षाकर्मी वर्ग दो और तीन के घोटाले का 19 साल बाद फैसला आया। अदालत ने 20 आरोपियों में से 12 आरोपियों को जालसाजी, दस्तावेजों में कूटरचना, साक्ष्य नष्ट करने और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में दोषी माना। जिसमें पूर्व सांसद रामानंद सिंह की बहू एवं तत्कालीन मझगवां जनपद पंचायत अध्यक्ष बेला रानी सिंह पटेल, तत्कालीन जनपद सीईओ सीपीएस चौहान और बीएओ सहित 12 लोग शामिल हैं। 

दरअसल 23-09-1995 में लोकायुक्त रीवा ने सतना के मझगवां, रामपुर, बघेलान, अमरपाटन और रामनगर जनपद पंचायत में हुये शिक्षाकर्मी भर्ती में व्यापक भ्रष्टाचार होने पर स्वयं संज्ञान लेते हुये छापा मारा था। मझिगवां जनपद में शिक्षाकर्मी भर्ती हेतु 295 पदों के लिये करीब 1095 आवेदन मगाये गए थे, जबकि नियमतः 985 से ज्यादा आवेदन नहीं मागये जा सकते थे। शिक्षाकर्मी भर्ती में अपात्र को पात्र बनाकर खुलेआम पैसों के लेनदेन के आरोप लगे थे। छापे के दौरान लोकायुक्त को शिक्षाकर्मी भर्ती में पैसों के लेनदेन के भी सुबूत मिले थे।

सतना के शिक्षाकर्मी भर्ती में रामपुर, बघेलान जनपद का फैसला एक वर्ष पूर्व आया था, जिसमें सभी 14 आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई थी। इसी कड़ी में आज मझिगवां जनपद की भी फैसला आ गया है हालांकि सजा अभी निर्धारित नहीं हुई है। रामनगर और अमरपाटन का ट्रायल अभी चल रहा है। सबको इंताजर है शिक्षा कर्मी वर्ग एक के फैसले का जिसमे 28 आरोपी हैं। इनमें वर्तमान सांसद गणेश सिंह सहित कई राजनीतिक चेहरे भी हैं, जिन्हे लोकयुक्त ने दोषी मानकर चालान पेश किया है।​ 

इनके ऊपर दोष सिद्ध
अपर सत्र न्यायाधीश देव नारायण शुक्ला ने जिनको आरोपी माना है। उनमे सीपीएस चौहान, रामसनेही, राजनारायण, सुरेश डोहर, हरदेव, बेला रानी, राजवंत सिंह, प्रभा कुशवाहा, तत्कालीन बीईओ केके मिश्र, रामजी, निर्मला, भारती सहित 12 लोग शामिल है। 

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