
जानकारी के अनुसार, केंद्रीय नेताओं की एक टीम अध्यक्षों के नाम पर मंथन कर रही है। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, यूपी में लगातार हार से यूपी कांग्रेस के पदाधिकारी और काडर में निराशा फैल चुकी है। इस वजह से बहुत से कार्यकर्ता एक्टिव नहीं हैं। इसी वजह से कांग्रेस यह प्रयोग करने जा रही है।
तीन हिस्से में बंटेगा उत्तरप्रदेश
सूत्रों ने बताया कि यूपी को तीन हिस्सों में बांटने की रणनीति दिल्ली में तैयार की जा चुकी है। रणनीति के मुताबिक, पश्चिम यूपी को हरित प्रदेश कांग्रेस, मध्य यूपी को उत्तर प्रदेश कांग्रेस और पूर्वी यूपी को पूर्वांचल प्रदेश कांग्रेस के नाम से जाना जाएगा। इन तीनों हिस्सों में अलग-अलग प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। इतना ही नहीं तीनों हिस्सों के तीन प्रभारी और तीनों प्रभारियों के ऊपर एक मुख्य प्रभारी की तैनाती की जाएगी। प्रभारी एआईसीसी के सचिव स्तर के होंगे, जबकि मुख्य प्रभारी एआईसीसी महासचिव होगा।
वर्तमान में ऐसे हैं पद
वर्तमान में यूपी कांग्रेस का प्रभारी महासचिव स्तर का और चार उप प्रभारी सचिव स्तर के हैं। प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जिन नामों की है चर्चा उसमें पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, सांसद पीएल पुनिया, नदीम जावेद, इमरान मसूद, ललितेश पति त्रिपाठी, राजेश मिश्र और अखिलेश प्रताप सिंह शामिल हैं।
इसके पहले भी कर चुकी है प्रयोग
गौरतलब है की इससे पहले भी कांग्रेस में इस तरह का प्रयोग हो चुका है। उस वक्त राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस को आठ हिस्सों बांटा था। उस वक्त निर्मल खत्री के प्रदेश अध्यक्ष थे। कांग्रेस को 8 हिस्सों में बांट कर आठ जोनल अध्यक्षों और उनके सहयोगी के तौर पर 8 जोनल को-ऑर्डिनेटर की तैनाती भी की थी। लेकिन राहुल इनके काम से संतुष्ट नहीं हुए तो लोकसभा चुनाव से पहले इस कमेटी को भंग कर दिया गया था।