राजेश शुक्ला/अनूपपुर। चचाई थानांर्गत श्रम कल्याण क्लब में रहने वाले आरक्षक राकेश शर्मा ने आज फांसी पर झूलकर आत्महत्या कर ली। उसके पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें उसने अपनी मौत के जिम्मेदार व्यक्ति का नाम लिखा है परंतु पुलिस सुसाइड नोट को गोपनीय रखे हुए है। बता दें कि आरक्षक राकेश शर्मा को 3 दिन पहले 13 अगस्त को सस्पेंड कर दिया था। आरोप था कि उसने आॅन ड्यूटी अपने अधिकारी के साथ मिलकर शराब पी और हंगामा किया। आरक्षक राकेश शर्मा पिता शिव प्रसाद शर्मा निवासी सिलपरी तहसील हुजूर जिला रीवा निवासी ने 16 अगस्त की सुबह 10:30 बजे सुसाईट नोट छोड़कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।आरक्षक चचाई थानांर्गत श्रम कल्याण क्लब में निवासरत था तथा डी कंपनी 10वीं बटालियन एसएएफ में आरक्षक के रूप में तैनात था। श्रम कल्याण मेस कर्मचारियों ने रेलिंग में रस्सी से लटके राकेश शर्मा के शव को देखकर घटना की जानकारी चचाई थाना को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के पास से सुसाईट नोट भी बरामद किया।
सुसाईट नोट में मृतक ने किसी व्यक्ति के आरोप लगाया है, जिसका खुलासा पुलिस नहीं कर रही है। पुलिस ने शव का पंचनामा बनाकर पीएम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। थाना प्रभारी पीसी कोल के अनुसार मृतक ने श्रम कल्याण में रहने वाले अन्य जवानों के ड्यटी जाने के उपरांत घटना को अंजाम दिया था। उसके कमरे से एक सुसाईट नोट भी बरामद किया गया है, जिसे जब्त कर अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। बताया जाता है कि आरक्षक को शराब के नशे में पाए जाने पर पूर्व में भी रीवा बटालियन-9 द्वारा निलम्बित किया गया था। जिसके बाद दमोह में उसकी ज्वाईनिंग हुई थी लेकिन वहां भी आरक्षक राकेश सिंह ने आत्महत्या करने का प्रयास किया था।
विदित हो कि अमरकंटक में आदिवासी वित्त विकास निगम अध्यक्ष शिवराज शाह के कार्यक्रम के दौरान फॉलोअप में लगाए गए पुलिस जवानों में एएसआई इमरत सिंह मरकाम तथा आरक्षक राकेश शर्मा ने शराब के नशे में जमकर उत्पाद मचाया था। जिसकी सूचना पर एसपी के निर्देश में पुलिस ने दोनों जवानों का मेडिकल जांच के लिए अमरकंटक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची, जहां डॉक्टरों ने सामान्य जांच परीक्षण उपरांत जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया लेकिन जिला अस्पताल पहुंचने पर आरक्षक राकेश शर्मा ने अमरकंटक थाना पुलिस कर्मचारियों के साथ ही गाली-गलौच करते हुए पास रखे पेड इंक (स्याही) पीने व खुदकुशी करने का प्रयास किया था।
आरक्षक राकेश शर्मा नशे की हालत में बेसुध था तथा राकेश की पेट-शर्ट की वर्दी पर बॉल पेन से कुछ संवाद लिखे हुए थे। जिसमें पीठ के हिस्से में अपना शरीर के अंगों को गरीबों को दान देने तथा पेंट के कपड़ों पर भी काम से परेशान सहित आत्महत्या व अन्य संवाद लिए हुए थे। मामले में थाना प्रभारी अनूपपुर की रिपोर्ट पर पुलिस अधीक्षक ने और बटालियन कमांडेंट ने 14 अगस्त को निलम्बन करते हुए सागर अटैच कर दिया था लेकिन निलम्बन के दो दिन बाद ही आरक्षक राकेश शर्मा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली।
इनका कहना है
आरक्षक द्वारा फांसी लगाने के कारणों की जांच पड़ताल की जा रही है। 13 अगस्त को आरक्षक को नशे की हालत में हंगाम मचाने पर निलम्बित किया था।
सुनील कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर।