
मोदी को दी गई थी जानकारी
काम नहीं करने वाले या गलत एक्टीविटीज में शामिल रहे सिविल सर्विस के 381 अफसरों पर सरकार ने बीते 3 सालों में एक्शन लिया। इनमें 24 आईएएस अफसर भी शामिल हैं। कुछ अफसरों को वक्त से पहले रिटायर कर दिया गया तो कुछ की सैलरी में कटौती की गई। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक प्रेजेंटेशन में कार्मिक मंत्रालय ने यह जानकारी दी।
इसके तहत टैन्योर पूरा होने के बाद भी विदेशी तैनाती पर जमे अफसरों पर भी कार्रवाई हुई। मिनिस्ट्री का कहना है कि इस कार्रवाई से ब्यूरोक्रेसी में डिसिप्लन और जवाबदेही का साफ मैसेज गया है। मिनिस्ट्री के एक अफसर ने कहा- "गुड गवर्नेंस के लिए साफ-साफ मैसेज है कि काम करो, नहीं तो चलते बनो।"
31 हजार अफसरों के रिकॉर्ड चेक किए गए
काम ना करने वाले और करप्ट अफसरों को हटाने के लिए आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों समेत ग्रुप ए के 11,828 और ग्रुप बी के 19,714 अफसरों का रिकॉर्ड जांचा गया।
एक आईएएस, दो आईपीएस समेत ग्रुप ए के 25 और ग्रुप बी के 99 अफसरों को वक्त से पहले रिटायर कर दिया गया।
10 आईएएस समेत 21 सिविल सर्वेंट्स से इस्तीफा लिया गया
पांच आईएएस अफसरों समेत ग्रुप ए के 37 अफसरों पर बर्खास्तगी या कंपल्सरी रिटायरमेंट जैसी कार्रवाई हुई।
8 आईएएस अफसरों समेत ग्रुप ए के 199 अफसरों के सैलरी में कटौती की गई।