
खुदरा बाजार में 2 जुलाई से 15 अगस्त तक एक बार भी पेट्रोल की कीमत में गिरावट नहीं आई है। उल्टा यह लगभग हर रोज बढ़ती जा रहीं हैं। पेट्रोल की कीमतें ग्लोबल मार्केट से लिंक कर दिए जाने के बाद भ्रम की स्थिति बनी हुई है। लोग यह केल्कुलेट करने में अक्षम हैं कि ग्लोबल मार्केट में पेट्रोल की कीमत 50 डॉलर प्रतिबैरल है तो भोपाल में प्रति लीटर कीमत क्या होनी चाहिए। पेट्रोल पंप संचालक जो मशीन में दर्ज कर देते हैं, उसे ही किस्मत मानकर पेट्रोल भरवा लिया जाता है।
दरअसल, पेट्रोल प्राइजिंग को ग्लोबल मार्केट से लिंक करने का मामला अधूरा रहा है। सरकार ने प्राइजिंग को लिंक तो कर दिया परंतु सरकार जनता में जागरुकता पैदा नहीं कर पाई। लोगों को आज की पेट्रोल प्राइज मालूम ही नहीं रहती। पेट्रोल पंप पद पहुंचकर देखते हैं, स्क्रीन में क्या दिख रहा है। समाज के ज्यादातर उच्च शिक्षित एवं विद्वानों को भी नहीं पता कि ग्लोबल मार्केट से अपने शहर में पेट्रोल की कीमत कैसे निकालें। ऐसी स्थिति में पेट्रोल पंप संचालक कब और कितनी लूट कर ले भगवान ही मालिक है।