
ऑक्सिजन आपूर्ति करने वाली फर्म पुष्पा सेल्स की ओर से दीपांकर शर्मा ने एक अगस्त को ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र लिखकर बकाया 63.65 लाख रु. का भुगतान न होने के कारण सप्लाई बाधित होने की चेतावनी दी थी। पत्र में लिखा था कि बकाया भुगतान न होने की स्थिति में वह गैस की सप्लाई नहीं कर पाएंगे और इसकी जिम्मेदारी संस्था की होगी। गुरुवार से ऑक्सिजन का प्रेशर लो था। आपूर्तिकर्ता कंपनी ने पेमेंट न होने पर लिक्विड ऑक्सिजन की सप्लाई बंद कर दी थी।
इस घटना के बाद एक तरफ यूपी सरकार ने दावा किया है कि अस्पताल में मौतें आॅक्सीजन बंद होने के कारण नहीं हुईं परंतु दूसरी ओर सरकार ने मनीष भंडारी को पकड़ने के लिए छापामार कार्रवाई शुरू कर दी। मनीष भंडारी फरार हो गए हैं। मनीष भंडारी पुलिस के रवैए से डरे हुए हैं। पुलिस के बड़े अधिकारियों के दबाव के चलते मनीष भंडारी मीडिया के सामने भी नहीं आ रहे हैं।
सूत्रों का दावा है कि यूपी में इन दिनों उन तमाम ठेकेदारों का पेमेंट रुका हुआ है जो सपा सरकार में मलाई काट रहे थे। कई ठेकेदारों ने अखिलेश यादव की सपा सरकार में पकड़ बनाकर ठेके और सप्लाई का काम लिया था। दबदबा इतना था कि उनकी शिकायतें फाइलों में दर्ज तक नहीं की गईं। जब ये यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार आई है, ऐसे सभी ठेकेदारों की जांच पड़ताल हो रही है। पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मनीष भंडारी का पेमेंट भी इसी टंटे में रुका हुआ था। पता लगाया जा रहा था कि मनीष भंडारी का सपा से कनेक्शन क्या है।