
एसपी (साइबर) जितेंद्र सिंह ने बताया कि महिला इकाई में पदस्थ एक महिला टीआई ने शिकायत की थी कि वह मई में भाई से मिलने मंडलेश्वर गई थी। इस दौरान उसके खाते से ऑनलाइन 70 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए गए। यह घटना तब हुई जब महिला टीआई ने अपना मोबाइल चार्जिंग पर लगाया था।
साइबर सेल ने इस मामले में एक प्रॉपर्टी ब्रोकर को पकड़ा जिसके खाते में 70 हजार रुपए जमा हुए थे। पूछताछ में उसने बताया कि उसे यह भुगतान 12वीं के एक छात्र ने दिया है। पुलिस ने जब उस छात्र को पकड़ा तो उसने अपना गुनाह स्वीकार कर लिया। पुलिस ने महिला टीआई को बुलाया। जैसे ही महिला टीआई ने आरोपी ठग का चैहरा देखा वो चौंक उठी। उसने अपनी शिकायत वापस ले ली, क्योंकि आरोपी कोई और नहीं बल्कि उनके भाई का बेटा, उनका भांजा निकला।
आरोपी छात्र ने पुलिस को बताया कि जब महिला टीआई ने अपना मोबाइल फोन चार्ज पर लगाया था इसी दौरान उसने टीआई के एटीएम कार्ड पर अंकित सीवीवी नंबर पेटीएम में दर्ज कर ओटीपी जनरेट कर लिया। उसने गेम खेलने के बहाने मोबाइल उठाया और ओटीपी नंबर लेकर दोस्त जॉय (प्रॉपर्टी ब्रोकर) के खाते में 70 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए।
एसपी के मुताबिक, पूछताछ में छात्र ने कबूला कि वह घर आने वाले कई महमानों के साथ इसी तरह ठगी कर चुका है। उसने मुंबई से आए चाचा और दादा के खातों से भी इसी तरह रुपए निकाले थे।