
सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री डॉ.रमन सिंह ने पेंशनरों को सातवें वेतनमान का लाभ देने की फाइल अनुमति के साथ वित्त विभाग को भेज दी है। अगले सप्ताह तक मध्यप्रदेश की सहमति के लिए पत्र भी भेज दिया जाएगा।
उधर, प्रदेश में इसको लेकर फिलहाल कोई हलचल नहीं है पर दबाव बढ़ गया है। पेंशनर्स एसोसिएशन ने बताया कि 25 जुलाई को मुख्यमंत्री से लेकर अपर मुख्य सचिव वित्त को पत्र लिखकर सातवें वेतनमान के हिसाब से पेंशन देने की मांग की है।
संगठन के उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ कैबिनेट नए हिसाब से पेंशन देने का फैसला कर चुकी है। प्रदेश में पहली बार पेंशनरों को छोड़कर नया वेतनमान देने का फैसला किया गया है। बजट में भी पेंशनरों के लिए कोई प्रावधान नहीं है। इसे देखते हुए सरकार से मांग की गई है कि पेंशनरों को भी नए वेतनमान का फायदा दिया जाए।
15 अगस्त के बाद लामबंद हो सकते हैं पेंशनर
सूत्रों का कहना है कि पेंशनर 15 अगस्त के बाद सातवें वेतनमान के लिए लामबंद हो सकते हैं। इसके लिए बैठकें भी हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि इस बार पेंशनर एरियर के लिए भी अड़ेंगे। दरअसल, सरकार ने पेंशनरों की पेंशन छठवें वेतनमान के हिसाब से तो बढ़ा दी पर 38 माह का एरियर नहीं दिया। जबकि, छत्तीसगढ़ सरकार इसके लिए तैयार थी। वहां से इसका प्रस्ताव भी भेजा गया पर प्रदेश सरकार राजी नहीं हुई।