
डॉक्टरों ने तुरंत इस मामले में बच्चे के मां बाप और बहनों के ब्लड के सैंपल लिए लेकिन इन सब लोगों की रिपोर्ट में कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन 8 महीने के मासूम की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बाद में पता चला कि इसे ऑपरेशन के दौरान बल्ड चढाया गया था। मासूम की रिपोर्ट मिलते ही परिवार के लोग सख्ते में आ गए और जिस आदमी को भी पता चला कि बेटे को एड्स है तो वह इस पूरे परिवार से कटने लग गया।
जहां पर यह लोग किराए पर रहते थे उस मकान मालिक ने इनसे कमरा खाली करवा लिया बाद में दूसरी जगह पहुंचे तो वहां भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस परिवार को कोई भी अपने घर में घुसने नहीं दे रहा था लेकिन बाद में एक व्यक्ति ने अपने मकान की छत पर इन्हें शरण दी। बच्चे का परिवार स्वयं भी बहुत परेशान हो गया क्योंकि बेटे से पहले परिवार के पास दो लड़किया है और ऐसे में यह बीमारी कही लड़कियों को न लग जाए उसी के चलते इस भाई की बहनों को इसके पास तक नही आने दिया जाता।
यहा तक कि मां ने भी इस मासूम को दूध पिलाना भी छोड़ दिया है। सारा दिन पालने में शिवम रोता बिलखता रहता है पर उसे चुप कराने वाला भी कोई नहीं। जब कोई इस बच्चे को देखने के लिए इनके घर आता है तो वह भी काफी दूर खड़ा होकर ही इसका हाल चाल जानता है।
मामले की सूचना मिलते ही चाइल्ड लाइन भी मौके पर पहुंची और उन्होंने बच्चे के इलाज का आश्वासन भी दिलवाया और स्वयं बच्चे को गोद में उठा कर यह साबित किया कि यह बीमारी कोई छूआछूत की नहीं है।