
उक्त जानकारी मंगलवार को स्टेट बार सभागार में प्रेस कांफ्रेंस के जरिए स्टेट बार के वरिष्ठ सदस्य आदर्शमुनि त्रिवेदी, आरके सिंह सैनी, जगन्नाथ त्रिपाठी, भूपनारायण सिंह और राधेलाल गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि 12 अगस्त 2012 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में अधिवक्ता महापंचायत का आयोजन किया था।
उसमें राज्य के अधिवक्ताओं के हित में एडवोकेट कॉलोनी बनाए जाने के लिए संबंध में भूमि आवंटन का वादा किया गया था। इसके साथ ही जिला और तहसील अधिवक्ता संघों का बिजली का बिल माफ करने के साथ-साथ आगे का बिल सरकार की ओर से भरे जाने की घोषणा बड़े जोर-शोर से की गई थी। लेकिन 5 वर्ष गुजरने के बावजूद अब तक एक भी मांग पूरी नहीं की गई। बावजूद इसके कि पूर्व में कई बार सरकार को स्मरण-पत्र भेजे जा चुके हैं।
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट सहित अन्य मांगें
मध्यप्रदेश के वकीलों को बहुप्रतीक्षित एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करवाना है। इसके साथ ही कॉलोनी के लिए जमीन, बिल माफी, वरिष्ठ अधिवक्ता बजट के लिए एक अरब पेंशन का प्रावधान चाहिए। स्टेट हाईवे में टोल टैक्स माफी, पीडब्ल्यूडी के सर्किट हाउसों में प्राथमिकता, पहचान-पत्र को कानूनी आईडी की मान्यता, चेम्बर के लिए अदालतों के समीप भूमि, मृत्युदावा राशि में इजाफा, चिकित्सा सहायता राशि में बढ़ोत्तरी, बैंकों में प्राथमिकता के आधार पर लोन स्वीकृति और जिला व तहसील अदालत परिसरों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र विकसित किए जाएं।