नई दिल्ली। खुद को खुदा बताने वाले डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम के पुराने ड्रायवर खट्टा सिंह ने खुलासा किया है कि बाबा की गुफा में कई लोगों की हत्याएं की गईं और लाशें बगीचे में दफना दी गईं। यदि डेरे की खुदाई की जाए तो वहां से दर्जनों कंकाल मिलेंगे। इधर रेप पीड़िताओं के वकील ने कहा कि गुरमीत सिंह पर सिर्फ 2 नहीं बल्कि 48 रेप के मामले हैं। खट्टा सिंह सीबीआई का प्रमुख गवाह भी है।
कौन हैं खट्टा सिंह
खट्टा सिंह 2002 के आसपास डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम के ड्राइवर रहे हैं। राम रहीम के खिलाफ जितने भी केस चल रहे हैं, उनमें खट्टा सिंह अहम गवाह है। साध्वी रेप केस में भी उसकी गवाही अहम रही है। जब खट्टा सिंह डेरा चीफ के ड्राइवर थे तो वह वही वक्त था जब साध्वियों के रेप की घटना सामने आई थी। यह वही वक्त था जब रेप केस की जांच हो ही रही थी। उसी दौरान 10 जुलाई 2002 को डेरे के मैनेजर रहे रणजीत की हत्या हो गई। डेरे को शक था कि रणजीत ने बहन से चिट्ठी लिखाई है। उसी साल रेप केस की खबरें छापने वाले लोकल अखबार के संपादक रामचंद्र छत्रपति की भी हत्या कर दी गई थी।
हरियाणा पुलिस को सब पता है, वो कार्रवाई नहीं करती
9 साल राम रहीम के ड्राइवर रहे सीबीआई के मुख्य गवाह खट्टा सिंह का दावा है कि सिरसा डेरे में राम रहीम के इशारे पर कई हत्याएं की गईं। इनमें गोरा सिंह नामक एक लड़का भी था, जिसे गोली मारने के बाद उसकी लाश डेरे के अंदर ही जला दी गई थी। डेरामुखी ने इसकी भनक तक किसी को नहीं लगने दी थी। खट्टा सिंह का दावा है कि कत्ल के बाद कई लोगों के शव डेरा परिसर में दबा दिए जाते थे तो कुछ लाशों को साथ लगती नहर में बहा दिया जाता था। खट्टा सिंह ने कहा कि इन सारी बातों की जानकारी होने के बावजूद हरियाणा पुलिस कार्रवाई तो दूर, शिकायत लेकर आने वालों को ही डरा-धमकाकर वापस भेज देती थी।
मर्डर से पहले चिता तैयार करवाई गई थी
खट्टा सिंह ने बताया कि गोरा सिंह के कत्ल से पहले बाकायदा उसकी चिता तैयार की गई थी। फिर उसे चिता के पास बुलाकर पहले गोली मारी और बाद में उसके शरीर को चिता पर फेंककर आग लगा दी। जब कुछ लोगों ने शोर मचाया कि लड़के को आग लग गई है तो डेरामुखी के गुर्गे चिता पर पानी डालने की जगह उसके चारों तरफ पानी फेंकते रहे।
सिंह के मुताबिक, जब गोरा सिंह के भाई को खबर लगी तो पहले उसे डराया-धमकाया गया और बाद में महंगी गाड़ी देकर खरीद लिया गया। डेरे में फकीर चंद नामक व्यक्ति का भी कत्ल किया गया। अगर डेरे की जांच की जाए तो जमीन से कई कंकाल निकल सकते हैं।
राम रहीम पर रेप के 48 केस
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम उम्रकैद की सजा से बच गया। विक्टिम साध्वियों के वकील उत्सव बैंस का कहना है कि डेरा प्रमुख की सजा बढ़वाने के लिए वह जल्द ही कोर्ट में दो अपील डालेंगे। उन्होंने कहा कि एक सजा बढ़वाने के लिए और दूसरा रेप केस के मामलों की जांच जारी रखने के लिए। उत्सव का कहना है कि राम रहीम के महिलाओं से रेप के 48 से ज्यादा मामले और हैं। इनमें से विक्टिम मार दी गई हैं और कइयों को जान से मारने की धमकी दी गई है।
इसलिए उम्र कैद से बच गया बाबा
बैंस के मुताबिक, राम रहीम पर एक नाबालिग से रेप का भी केस था। प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फोरम सेक्सुअल आफेंस(पोस्को) एक्ट के तहत उम्र कैद की सजा का प्रावधान है। इससे बाबा इसलिए बच गया क्योंकि पोस्को बाद में लागू हुआ है जबकि रेप केस 2002 में आईपीसी की धारा 375 और 376 के तहत दर्ज हुआ था। इन धाराओं में 7 से 10 साल की कैद का प्रावधान है।
पंचकूला कोर्ट से भागने के लिए कराई गई थी हिंसा, डेरामुखी नामजद
25 अगस्त को पंचकूला में जो हिंसा हुई, उसके अलग-अलग सभी मामलों में साजिशकर्ता के तौर पर भी राम रहीम को ही आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने सोमवार देर रात सेक्टर-5 के थाने में डेरामुखी को नामजद किया। एफआईआर में लिखा गया है कोर्ट का फैसला आने के बाद डेरामुखी को भगाकर ले जाने की साजिश के तहत हिंसा भड़काई गई। जब पंचकूला के स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने डेरामुखी को दोषी ठहराया तो 15 मिनट बाद ही हिंसा शुरू हो गई थी। सबसे पहले मीडिया को टारगेट बनाते हुए ओबी वैन और अन्य गाड़ियां जलाई गईं। उसके बाद सरकारी और निजी भवनों में तोड़-फोड़ की गई।
बड़े लेवल पर हिंसा फैलाने की थी डेरा समर्थकों की साजिश
हरियाणा इंटेजिलेंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डेरा समर्थकों की बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने की साजिश थी। डेरा समर्थकों के मोबाइल फोन्स इंटेजिलेंस ने इंटरसेप्टर पर लगा रखे थे। इन कॉल्स में हरियाणा और पंजाब में बुरी तरह हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी करने की बातें कही गई हैं और उसके लिए हथियार पेट्रोल बम भी मुहैया कराने की बातें कही गई हैं। इस बारे में इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट ने सील कवर में रिपोर्ट राज्य के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी होम को सौंपी है। इसे मंगलवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपा जाएगा।
जेड प्लस सिक्योरिटी पर बाबा को नहीं था भरोसा
राम रहीम के आश्रम में रहने के अंदाज कुछ अलग ही थे। डेरा चीफ बनने के बाद उस पर हुए हमले के कारण वह हमेशा थ्री लेयर सिक्योरिटी में रहता था। सरकार की ओर से मिली जेड प्लस सिक्योरिटी पर उसे पूरा भरोसा नहीं था। उसने अपनी सिक्योरिटी के लिए खुद के लोग रखे थे। डेरे के अंदर ही उन्हें स्पेशल कमांडों की ट्रेनिंग देकर ट्रेन किया जाता था।
6 फुट की हाइट वाले युवाओं को कमांडो के रूप में भर्ती किया जाता था। इसमें 20 से 25 वर्ष की उम्र की लड़कियों को भी कमांडो बनाया गया था। अपने नजदीक अपने ही जवानों को बाबा रखता था। सबसे पहली कतार में पुरुष कमांडो की टीम घेरा डालकर रहती थी। वहीं दूसरी कतार में महिला कमांडो की टीम मॉडर्न हथियारों से लैस होकर साथ रहती थी। तीसरी लाइन में हरियाणा सरकार के जवान होते थे।
अगर डेरे में किसी को जाना हो तो उसकी गहनता से पूछताछ होती थी। बाबा के पंडाल तक पहुंचने से पहले व्यक्ति की तीन बार गहनता से जांच की जाती थी। अगर कोई व्यक्ति डेरा प्रेमी ना होते हुए डेरे में जाता तो उससे कई प्रकार के सवालों से भी गुजरना पड़ता था। उसकी प्रत्येक गतिविधि सीसीटीवी कैमरों में कैद होती रहती थी। बाबा की एक गुप्तचर शाखा भी थी जो शहर के अंदर और डेरे के अंदर बाहर की हर जानकारी उस तक पहुंचाती थी।
रूबरू नाइट में बाबा के नजदीक बैठने को लगती थी हजारों की टिकट
डेराप्रमुख समय समय पर रूबरू नाइट का शो करता था। जिसमें नजदीक बैठने वाले भक्तों की हजारों रुपयों की टिकट लगती थी। टिकट का रेट 10 हजार रुपए से 50 हजार रुपए तक का होता था। रूबरू नाइट में बाबा खुद गीत संगीत गाता था और मनोरंजन करता था।