भोपाल। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, भोपाल में कई कुर्सियां खाली पड़ीं हैं। 70 प्रतिशत से ज्यादा पदों पर प्रभारी जमे हुए हैं। बावजूद इसके व्यापमं परीक्षा कराए जाने के बाद भर्तियों को रद्द करने का षडयंत्र चल रहा है। यह खेल एक सिंडिकेट कर रहा है जो चाहता है कि नगरीय प्रशासन में प्रभारी राज कायम रहे और घोटाले आसानी से किए जा सकें। व्यापम द्वारा विभिन्न विभागों में समूह -2 उप समूह -4 के अंतर्गत श्रम निरीक्षक, कनिष्ठ सहायक, सहायक प्रबंधक, सहायक संपरीक्षक, ग्रंथपाल, सहायक ग्रंथपाल एवं अन्य समकक्ष पदों हेतु संयुक्त भर्ती परीक्षा 2017 के अंतर्गत विज्ञापन क्रमांक 31/16 ,नवम्बर 2016 में जारी किया गया था। मगर इस प्रक्रिया को रद्द करवाने का घोटाले का षड्यंत्र विभाग के ही लोग रच रहे हैं। जबकि काम करने लायक स्टाफ ही नहीं बच रहा है। नगरीय निकायों में प्रभार राज कायम रखने की कोशिश जारी है।
संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, भोपाल (म.प्र.) द्वारा दिनांक 24/05/2017 को अपनी वेबसाइट पर नोटिस क्रमांक /शा-1 /स्था-1/PEB 2017/10523 विभिन्न तिथियों में विभिन्न तकनीकी /गैर तकनीकी पदों पर व्यापम की मेरिट सूची में चयनित उम्मीदवारों को उनके दस्तावेजों के सत्यापन के लिए बुलाया गया है।
सूचना जारी होने के बाद 3 महीने हो चुके है और प्रथम मेरिट सूची के अनुसार निर्धारित दिनांकों को उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन भी किया जा चुका है, दस्तावेज सत्यापन में सफल/असफल मेरिट होल्डर अभ्यर्थियों की सूची जारी नहीं की जा रही और इसके स्थान पर दूसरे प्रतीक्षा -सूची वाले अभ्यर्थियों को नहीं बुलाना, बहुत बड़ी गड़बड़ी कि ओर इशारा करता है। सूत्रों से ये ज्ञात हुआ है कि ऐसे मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों की संख्या 90 प्रतिशत या इससे भी अधिक है जिनके पास अर्हकारी डिग्री न होने के कारण रिजेक्ट किया गया है।
बताया जा रहा है कि विभाग के सामान्य प्रशासन ने सिर्फ एक बाबू "किशोर गौर" को सौंप रखा है जिनकी एक दुर्घटना के बाद दृष्टि क्षमता 50 है। ये बाबू लोग उच्च अधिकारीयों को लगातार गुमराह कर व्यापम से आपत्ति / विधि विभाग से अभिमत लेने में उलझाये रखे हैं। विभाग ने भी सत्यापन/ मेरिट लिस्ट/ वेटिंग लिस्ट के नाम पर व्यापम के साथ पत्र व्यवहार करके अपनी प्रक्रिया में लापरवाही का ठीकरा व्यापम के सिर पर फोड़ना शुरू कर दिया है ताकि इस नियुक्ति प्रक्रिया को निरस्त करवाया जा सके।