
शमी ने मिडिया से बातचीत में बताया कि, पुलिसवालों ने तब अपना काम किया. लेकिन उसके बाद से स्थानीय प्रशासन की ओर से किसी ने भी मुझसे या मेरे परिवार से संपर्क कर हालात जानने की कोशिश नहीं की. उन्होंने इसके बाद ऐसा कुछ नहीं किया जिससे हमें सुकून मिले. यहां रहते हुए मुझे मेरे परिवार के लिए काफी डर लगता है. जब मैं बाहर टूर पर हूं तो उन्हें यहां नहीं छोड़ सकता.
शमी ने कहा, 'हम यहां काफी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. मेरी पत्नी तो इस फ्लैट में रहना भी नहीं चाहती. लेकिन मैं कायर नहीं हूं. मैं यहां से क्यों भागूं? जो बात मुझे सबसे ज्यादा परेशान करती है वह यह है कि आसपास या स्थानीय प्रशासन से किसी ने भी आकर मुझसे यह जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर उस घटना के बाद मैं कैसा महसूस कर रहा हूं.
पिछले महीने सरकार परिवार का कहना था कि वह शमी के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वह उससे माफी मांग सकें. परिवार वालों का कहना था कि इस घटना के बाद उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया है और उन्हें अपना काम-धंधा भी बंद करना पड़ा है.
रिपोर्ट छपने के दो हफ्ते बाद हजामत की दुकान के साथ ही दूसरे आरोपी भाई की मीट की दुकान खुल चुकी थी. हालांकि शमी उन्हें माफ करने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'मैं किसी ऐसे आदमी को कैसे माफ कर सकता हूं जिसने मेरी बीवी और मुझे धमकी दी हो और मेरी बेटी को रुलाया हो? मैं उन्हें माफ नहीं करूंगा. मुझे बहुत चोट पहुंची थी और इस घटना के बाद से मैं सदमे में हूं.
घटना पिछले महीने 15 तारीख की है. शमी साउथ सिटी मॉल से अपनी पत्नी और बेटी के साथ घर लौट रहे थे. उनकी कार बिल्डिंग के नीचे बनी पार्किंग में जा रही थी. शिवा ने तब शमी की कार की खिड़की खटखटाकर पूछा था कि आखिर उसे इतना वक्त क्यों लग रहा है.
इसके अलावा उसने शमी के साथ बहस भी की थी. इसके बाद वह सरकार भाइओं के साथ आया और उसने बिल्डिंग के केयरटेकर को धमकाया. इतना ही नहीं उसने क्रिकेटर के फ्लैट के दरवाजे को भी पीटा. इसके बाद शमी और केयरटेकर की शिकायत के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और बाद में उन्हें जमानत मिल गई.