नई दिल्ली। चीन ने सेनाध्यक्ष के पद पर एक ऐसे व्यक्ति को नियुक्त कर दिया है जिसे युद्ध का अनुभव है। 63 वर्षीय जनरल ली जुओचेंग ने 1979 में हुए वियतनाम युद्ध में प्रमुख भूमिका निभाई थी। वो दुश्मन पर कहर बनकर टूटे। उन्हे चीन में 'युद्ध हीरो' कहा जाता है। ब्रिक्स सम्मेलन से ठीक पहले डोकलाम मुद्दे पर चीन के पीछे हटने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यह कदम उठाया है। इससे पहले चीन भारत और अमेरिका को युद्ध की धमकी दे चुका है। डोकलाम मामले में चीन ने भले ही अपने कदम पीछे ले लिए हों परंतु भारत के पास चीन की धोखेबाजी का पुराना अनुभव है। सावधान रहना ही होगा।
63 वर्षीय जनरल ली जुओचेंग को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के संयुक्त कर्मचारी विभाग का नया प्रमुख बना दिया है। उनके पास चीन और वियतनाम के मध्य हुए युद्ध का अनुभव है। चीनी रक्षा मंत्रालय ने ली की नियुक्ति को सीधे घोषित नहीं किया बल्कि शनिवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ एक बैठक के दौरान साधारण तौर पर सूचित कर दिया। उन्होंने जनरल फैंग फेगुई का स्थान लिया है।
हालांकि मंत्रालय ने इसका खुलासा नहीं किया है कि फैंग को किस पद पर स्थानांतरित किया गया है। वियतनाम के साथ 1979 में हुए युद्ध में उनकी भूमिका के लिए जनरल ली को प्रथम श्रेणी के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इसके बाद केंद्रीय सैन्य आयोग ने उन्हें ‘युद्ध हीरो’ के रूप में सम्मानित किया था। इसके साथ उनकी टीम को भी एक संगठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। साल 2013 से ही ली को शी जिनपिंग के विश्वासपात्रों में से एक में देखा जाने लगा था।
तब उस समय उन्हें पूर्व चेंगदु सैन्य क्षेत्र का प्रमुख बनाया गया था जो कि भारत के साथ लगी सीमा की भी रखवाली करती थी। इसके बाद साल 2015 में उन्हें जनरल बना दिया गया जबकि शी के सैन्य सुधारों को देखते हुए अब उनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।