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भारत अब डोकलाम से हट भी गया तब भी हमला करेंगे: चीन की धमकी

नई दिल्ली। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि चीन की पीएलएल (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) ने युद्ध की जमीनी तैयारियां शुरू कर दीं हैं। चीन में ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर स्टॉक जमा किया जा रहा है। इतना ही नहीं ब्लड बैंक भी ऐसी जगहों पर शिफ्ट किए जा रहे हैं जहां युद्ध के दौरान घायलों को तत्काल इलाज दिया जा सके। इलाज के अलावा सेना को हथियार और खाद्य पदार्थों की सप्लाई की तैयारियां भी कर ली गईं हैं। चीन का कहना है कि अब बात बदल गई है। भारत यदि डोकलाम से वापस लौट भी गया तब भी चीन की सेना वापस नहीं आएगी। भारत को इसकी कीमत चुकानी ही होगी। 

ग्लोबल टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ब्लड स्टॉक च्योचायको प्रांत में भूकंप से पहले 8 अगस्त को ट्रांसफर किया गया था, जिसे बाद में तिब्बत ट्रांसफर किए जाने की खबर है। उधर ग्लोबल टाइम्स ने चाइनीज अकैडमी ऑफ सोशल साइंस के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्ट्रैटिजी के डायरेक्टर के हवाले से कहा है कि अगर भारत अब डोकलाम से पीछे हट भी जाता है, तो भी चीन इस मामले पर शांत नहीं बैठेगा। उनका मानना है कि भारत का इससे पीछे हटना अब इस समस्या का हल नहीं है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अपने व्यवहार का नतीजा भुगतना पड़ेगा।

ग्लोबल टाइम्स ने चीन के हथियारों को लेकर फिर से पुराना राग अलापा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन के हथियारों और सेना के अधिकारियों की गुणवत्ता भारत के मुकाबले काफी बेहतर है। रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि भले ही भारत ने पिछले दिनों यूएस और रूस से कई तरह के हथियार खरीदे हों, लेकिन चीन के हथियारों के तुलना में वे काफी हल्के हैं।

चीन के इस सरकारी अखबार ने कहा है कि एयर फोर्स, हेलिकॉप्टर, दूर तक हमला करने वाले हथियार, हल्के वाहन आदि युद्ध में काफी महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं। हवा में युद्ध के लिए, चीन के पास जे-10सी, जे-11 फाइटर जेट, एच-6के बॉमर्स, जेड-10 हमलावर हेलिकॉप्टर और अन्य तरह के हथियार भी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सभी की गुणवत्ता और संख्या के मामले में भारत, चीन से काफी पीछे है। ग्लोबल टाइम्स का दावा है कि लॉन्ग रेंज रॉकेट आर्टिलरी में चीन न सिर्फ भारत से आगे है बल्कि दुनिया में सबसे बेहतर भी है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत यह भी सोच सकता है कि चीनी एयर फोर्स के पास तिब्बत क्षेत्र में पर्याप्त एयर बेस नहीं हैं, लेकिन यह भारत की भूल होगी। रिपोर्ट में चीन के रक्षा विशेषज्ञों के हवाले से दावा किया गया है कि चीन के पास तिब्बत में पांच बड़े एयरपोर्ट हैं, इनमें एक डोकलाम से 1000 किलोमीटर दूर है। ऐसे में रिपोर्ट में चीन द्वारा 1200 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाले जे-10सी और जे-11 फाइटर प्लेन के इस्तेमाल की बात भी कही गई है।

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