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सुबह साढ़े दस बजे याचिकाकर्ता राधेश्याम धाकड़ के अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी ने अपने तर्क रखें। उन्होंने बताया कि जयवर्धने सिंह ने चुनाव में लाभ लेने के लिए किस प्रकार से धार्मिक कैलेंडर बंटवाये थे। इसके बाद जयवर्धने की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद भारद्वाज ने अपना पक्ष रखा, उन्होंने कहा कि जयवर्धने सिंह पर लगाये गए आरोप मिथ्या है, इनमें जरा भी सच्चाई नहीं है। इस केस की सुनवाई आज शुक्रवार 11 अगस्त की भी चलेगी।
बता दें कि दिग्विजय सिंह इन दिनों कांग्रेस में हाशिए पर चल रहे हैं और लम्बे समय से भाजपा के निशाने पर है। यह मामला दिग्विजय सिंह की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। भाजपा भी अपना पूरा जोर लगा रही है। भाजपा चाहती है कि किसी भी तरह से इस मामले में जयवर्धन सिंह की सदस्तया समाप्त हो जाए और उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया जाए।