जबलपुर। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आशा गोधा की अदालत ने सदर काली मंदिर के फरार पुजारी राजेन्द्र चतुर्वेदी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। पुजारी पर आरोप है कि उसने ग्रहदशा दिखाने आई एक दलित युवती को अपने जाल में फंसाया और कुण्डली में दोष का डर दिखाकर विशेष तंत्र अनुष्ठान कराने के लिए कहा। तंत्र अनुष्ठान के बहाने उसने युवती के साथ अश्लील हरकतें कीं। वो रेप करने वाला था तभी युवती उसके चंगुल से छूटकर भाग गई।
कोर्ट में अभियोजन की ओर से दलील दी गई कि पुलिस में प्रकरण कायम होन के बाद से आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार फरार है। आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता आरके सिंह सैनी सहित अन्य ने अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी।
क्या आरोप लगाया गया है
तिलहरी की एक दलित युवती ने शिकायत की है कि वह शाति से पहले अपने होने वाले पति के साथ ग्रहशांति के लिए पुजारी के पास गई थी। उसे बताया गया था कि उसकी कुण्डली में दोष है। जिससे उसका वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहेगा। आरोप है कि पुजारी ने इसी पूजा के बहाने युवती को अकेले कमरे में बुलाया। कमरे में ले जाकर उसने युवती के साथ हल्दी लगाई और उससे कहा कि पहले उसे एक मिथ्या शादी करना पड़ेगा तभी ग्रह शांत हो पाएंंगे। यह कहकर वो हल्दी लगाने लगा। साथ ही युवती की मांग भरने की कोशिश करने लगा। इसके साथ ही उसने युवती के साथ अश्लील हरकतें शुरू कर दी। इसी दौरान युवती कमरे से निकलकर बाहर आ गई।
थाने का किया घेराव
बताया जा रहा है कि 24 साल की यह युवती दलित परिवार की है। युवती ने बाहर जाकर आसपास के लोगों को सारी बात बताई। इस पर लोग आक्रोशित हो उठे और गोरा बाजार थाने पहुंचकर मामले में तत्काल प्रकरण दर्ज करने की मांग की। इतना ही नहीं गुस्साए लोगों ने थाने को घेर लिया। तब युवती की शिकायत पर पुलिस ने मंदिर के पुजारी राजेन्द्र चतुर्वेदी के खिलाफ धारा 354 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया। आरोपी पर एससी-एसटी एक्ट का प्रकरण भी दर्ज कर लिया गया है।