पिछला ढाई वर्ष या ज्योतिष की भाषा में यूं कहे की शनि का भ्रमण भारतीय अर्थव्यवस्था विशेषकर व्यापारीजगत के लिये खतरनाक गया है तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी। नोटबंदी के बाद जीएसटी की व्यवस्था को अपने व्यापार के अनुकूल ढालना साथ ही परिवर्तन की प्रक्रिया का अंग बनना कष्टदायक होता है। किसी भी परिवर्तन में बड़े वर्ग को तकलीफ होती ही नही या कम होती है। छोटा व्यक्ति हर तरह से टूटता है, प्रभावित होता है परन्तु एक बात सभी को ध्यान रखना चाहिये की समय कभी एक जैसा नही होता है। शनि ग्रह का परिवर्तन ढाई वर्ष तक ही रहता है। इसके बाद स्थिति में अनुकुल परिवर्तन आता है। इसके अलावा गुरु ग्रह एक शुभ ग्रह है इसका परिवर्तन भी आशा की किरण जगाता है। गुरु महाराज 11 सितम्बर को राशि परिवर्तन करने वाले है।
गुरु का राशि परिवर्तन व्यापार के लिये शुभ
शास्त्रों में लिखा है गुरुदेव जहा बैठते है वहां हानि करते हैं। कन्या राशि में गुरु की बैठक व्यापार वाणिज्य बनिया, शिक्षक आदि सभी के लिये कष्टदायक रही, अब ये बैठक बदलने वाली है। निश्चित रूप से केन्द्र की नीतियों में परिवर्तन आयेगा व्यापारियों को राहत मिलेगी।
शनि,राहु पर गुरु का प्रभाव
शनिदेव गुरुदेव की राशि धनु में भ्रमण करेंगे तथा गुरु महाराज उनकी उच्च राशि में रहेंगे साथ ही राहु महाराज गुरु की उच्च राशि में रहेंगे। कामकाज की स्थिति सुधरेगी आर्थिक हालात मजबूत होंगे आमजनता को राहत मिलेगी।
क्रांति का कारक कर्क का राहु
दैत्य सेनापति राहु जब भी लोक राशि कर्क में आता है तो कुछ न कुछ क्रांति अवश्य करवाता है उत्तरभारत में एक बड़ा आंदोलन इस डेढ़ वर्ष में आकार लेगा। राम मंदिर बनने की शुरुआत इस समयावधि में हो जायेगी। जो कि बड़े राजनैतिक परिवर्तन का कारण बनेगी।
तेल,प्रॉपर्टी,निर्माण क्षेत्र में प्रगति
शनि पर गुरु का प्रभाव विनिर्माण, तेल तथा सभी औधोगिक संसथाओ के लिये शुभ परिणाम कारी है। इसीलिये जो व्यापारी आने वाले 3 माह शांति से गुजारेगा वह बड़े लाभ का अधिकारी बनेगा।
प.चंद्रशेखर नेमा"हिमांशु"
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