लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले दलित ऐजेंडे के चलते पिछड़ा वर्ग के कैशव मौर्य को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। मोदी की आंधी और शाह के मैनेजमेंट से यूपी चुनाव जीत तो गए परंतु जमीन अभी भी कमजोर थी अत: यूपी में रूठे ब्राह्मणों को मनाने और संगठन को सशक्त बनाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। श्री पांडेय चंदौली से सांसद हैं। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने पत्र जारी कर जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि डॉ. महेंद्र नाथ ही एक मात्र ऐसा नाम था जिस पर ना तो भाजपा के किसी दिग्गज को आपत्ति हुई और ना ही आरएसएस के रणनीतिकारों को।
कौन हैं डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय
डॉ. महेंद्र के संघर्ष की लंबी कहानी है। वो शुरू से ही आरएसएस से जुड़े रहे। आपातकाल में डॉ. पाण्डेय पांच माह डीआरडीए के तहत जेल भेजे गए। प्रथम रामजन्म भूमि आंदोलन में मुलायम सरकार में इन्हें रासुका के तहत निरुद्ध कर दिया था। गाजीपुर (सैदपुर) के पखनपुर गांव के मूल निवासी डॉ. पाण्डेय (15 अक्टूबर 1957 को जन्म) वाराणसी के विनायका के सरस्वती नगर में निवास करते हैं। एमए, पीएचडी के साथ ही मास्टर आफ जर्नलिज्म की भी डिग्री उन्होंने हासिल की। उनकी पूरी शिक्षा-दीक्षा वाराणसी में हुई है।
1991 में बने विधायक फिर हुए मंत्री
पहली बार वर्ष 1991 में वह भाजपा के टिकट पर विधायक बने। भाजपा सरकार में डॉ. पाण्डेय नगर आवास राज्य मंत्री, नियोजन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रदेश में वे पंचायती राज मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे। भाजपा के संगठन में उन्हें क्षेत्रीय अध्यक्ष समेत प्रदेश के महामंत्री का पदभार सौंपा।
क्षेत्र के लोकप्रिय नेता
आरएसएस से जुड़े डॉ. पाण्डेय को 16वीं लोकसभा में चंदौली से भाजपा ने टिकट दिया। इसमें उन्हें 4 लाख 14 हजार 134 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर रहे बसपा के अनिल मौर्य को मात्र 2 लाख 57 हजार 379 वोट ही मिले।