
भारत में नहीं दिखेगा
भारतीय समय के मुताबिक 21 अगस्त को ग्रहण रात में 9.15 बजे शुरू होगा और रात 2.34 बजे खत्म होगा। इस समय भारत में रात होती है। ऐसे में यहां सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा। हालांकि, भारत में इसे नासा की वेबसाइट के जरिए देखा जा सकेगा। नासा सूर्य ग्रहण का लाइव प्रसारण करेगा।
खास बातें
यह सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्से, यूरोप के पश्चिमी-उत्तरी हिस्से, पूर्वी एशिया, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी-नासा ने सूर्यग्रहण को 12 जगहों से कवर करने की योजना बनाई है। इसके लिए 50 हजार फीट की ऊंचाई पर इसे विमान से कैमरों में कैद किया जाएगा। इसके लिए 1960 के दशक के बमवर्षक विमान डब्ल्यूबी 57-एस को चुना गया है।
यही नहीं, करीब 10 से ज्यादा स्पेसक्राफ्ट, 3 एयरक्राफ्ट और 50 से ज्यादा एयर बैलून लगाए जा रहे हैं। सीबीएस न्यूज के अनुसार विमान की नोज में विशेष कैमरे फिट किए गए हैं। इससे ये ग्रहण के दौरान सूर्य व उसके आसपास के क्षेत्र की तस्वीरें ले सकेंगे।
नासा अमेरिकी समयानुसार सोमवार दोपहर 2.30 बजे से इन तस्वीरों को टीवी पर दिखाएगा। माना जा रहा है कि ग्रहण के दौरान आसमान में धरती की तुलना में 20 से 30 गुना कम रोशनी होगी।
सूर्यग्रहण के दौरान सौर भौतिक विज्ञानियों सूर्य के धब्बों की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें खींचेंगे। ये धब्बे सूर्य की सतह पर दिखने वाले चुंबकीय क्षेत्र का घनत्व होता है, जो माइक्रोवेव रेडियो वेवलेंथ पर नजर आते हैं।
सौर धब्बों के कारण ही सूर्य दहकता हुआ नजर आता है। न्यूजर्सी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डेल गेरी के मुताबिक, सूर्य के कोरोना से निकलने वाली रेडियो तरंगों का तरंगदैर्ध्य लंबा होता है। चूंकि रेजोल्यूशन मुख्यतः तरंगदैर्ध्य पर ही निर्भर होता है, इसलिए सूर्य की तस्वीरें खींचने पर कम रेजोल्यूशन वाली तस्वीरें मिलती हैं।