
दरअसल ज्यां द्रेज को अखबार की ओर से कार्यक्रम में वक्ता के तौर पर बुलाया गया था। यहां अपने संबोधन में ज्यां द्रेज ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार महापुरुषों के नाम का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक उन्माद फैलाना चाहती है। उनके इसी बयान से बीजेपी कार्यकर्ता आग-बबूला हो गए और उन्होंने कार्यक्रम में ही ज्यों द्रेज के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद बीजेपी सरकार में मंत्री रणधीर सिंह ने ज्यां द्रेज से माफी मांगने की मांग करने लगे।
कार्यक्रम में मारपीट की नौबत आने से पहले ही मंच पर मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह की दखल के बाद माहौल को शांत किया गया। ज्यां द्रेज अपना भाषण पूरे किए बिना ही कुर्सी पर बैठ गए। वह पिछले कई वर्षों से झारखण्ड में मनरेगा और किसानों के मुद्दे पर काम कर रहे है और यूपीए सरकार के दौरान खाद्य सुरक्षा कानून को लागू कराने में भी उनका काफी अहम योगदान रहा है। सरकारी विज्ञापनों पर सवाल उठाने के लिए जिस वक्त ज्यां का विरोध किया जा रहा था उस वक्त केंद्रीय मंत्री राधामोहन सिंह और जयंत सिन्हा भी मंच पर मौजूद थे। कार्यक्रम की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।