भ्रष्ट अधिकारियों की लिस्ट भेजो, सबको हटा दूंगा: CM शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के भोपाल दौरे के बाद मैदानी अफसरों से रूबरू होते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो-टूक कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची बनाओ। इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्यवाही करेंगे। राज्य स्तर पर भी ऐसी ही कार्रवाई होगी। भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजस्व के अधिकारियों की कहीं भी वीआईपी ड्यूटी न लगाई जाए। 15 नवंबर तक अविवादित सभी मामले सुलझाएं। इसके बाद लंबित प्रकरण की सूचना देने वाले को एक लाख रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा। इसकी वसूली संबंधित अधिकारी से होगी। बैठक में उन्होंने अधिकारियों को सरकार की प्राथमिकताएं बताईं।

मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और वन मंडल अधिकारियों के साथ बैठक की। करीब डेढ़ घंटे चली कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि बेईमानी करने वालों की सरकार में कोई जरूरत नहीं है। ऐसे लोगों को चिह्रित करें और हमें बताएं।

वे बोले कि प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रदेश का स्थान पहला है। इसमें दलाल व बिचौलिए लाभ न उठा पाएं, इस पर विशेष ध्यान रखा जाए। कमिश्नर-कलेक्टर ये तय कर लें कि कोई गरीब ऐसे न छूट जाए, जिसके पास भूखंड या आवास न हो। कृषि आय दोगुनी करना नारा बनकर नहीं रह जाए। इसके लिए जो रोडमैप बनाया गया है, उसे लागू किया जाए। राजस्व के लंबित मामलों को विशेष अभियान चलाकर निपटाएं।

सीएम ने कहा कि डॉक्टरों की कमी है लेकिन जो संसाधन हैं, उनका भरपूर उपयोग होना चाहिए। निजी अस्पतालों में लूटमारी न हो, इस पर नजर रखी जाए। श्योपुर और खंडवा में कुपोषण की समस्या है, इसके लिए अभियान चलाना पड़ेगा। दिसंबर तक स्वरोजगार, पर्यटन, महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन, स्वच्छता अभियान और वित्तीय समावेशन अभियान चलाए जाएं।

जनसुनवाई कर्मकांड बनकर न रह जाए
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन और समाधान ऑनलाइन में कई मामले ऐसे हैं, जिनमें लोग परेशान होते हैें। प्रमुख सचिव कलेक्टरों से बात करें और ध्यान रखें। जनसुनवाई कर्मकांड बनकर न रह जाए। आवेदनों पर कार्रवाई होनी चाहिए। इसमें कलेक्टरों की बड़ी भूमिका है। अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कार दिए जाएं।

पुलिस नजर आती है तो अपराध रुकते हैं
कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि पुलिस नजर आती है तो अपराध रुकते हैं। पुलिस सड़क पर दिखनी चाहिए। अपराधियों के साथ वज्र के समान कठोर रहें, क्योंकि एक बार स्थिति बिगड़ती है तो संभालना मुश्किल होता है। इस महीने से त्योहारों की शुरुआत हो रही है। जिले में सभी अधिकारी समन्वय बनाकर काम करें। कोई अधिकारी लंबे प्रशिक्षण पर न जाए, ये छुट्टी का समय नहीं है। कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारी मुख्यालय पर रहें। इस दौरान उज्जैन के महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक की मादक पदार्थों को लेकर की गई कार्रवाई की तारीफ की गई।

वाहन पास कराने के लिए पैसा तो नहीं लिया जा रहा
अवैध उत्खनन और परिवहन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से कहा कि वे इस पर ध्यान दें कि कहीं वाहन पास कराने के लिए पैसा तो नहीं लिया जा रहा है। कर्मचारियों पर नजर रखें और जो ऐसा करें, उसे तत्काल हटाने की कार्रवाई करें। ऐसे मामलों से पूरा विभाग बदनाम होता है। अवैध उत्खनन पर जबरदस्त कार्रवाई होनी चाहिए। कलेक्टरों से जब उन्होंने वाहन राजसात करने के बारे में पूछा तो सभी कार्रवाई का ब्योरा देने लगे। सिंगरौली कलेक्टर ने बताया कि 250 वाहनों पर कार्रवाई की है तो मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या पहले कार्रवाई नहीं होती थी।

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