
पुलिस का कहना है कि यह एक ऐसा मामला है जिसमें आरोपी पर पहली नजर में कोई संदेह नहीं करता लेकिन पुख्ता सूचना मिलने के बाद जब कार्रवाई की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। परदेशीपुरा टीआई राजीव त्रिपाठी के मुताबिक आरोपी है डॉक्टर दीपेश कुमार (34)। दीपेश होम्योपैथी डॉक्टर है। वह कुछ दिनों से 500 के नकली नोट छाप रहा था।
खराब प्रिंट कचरे में फैंके तब खुला राज
आरोपी दीपेश कुमार घर में नोट छाप रहा था परंतु उसकी मशीनें हूबहू प्रिंट नहीं दे रहीं थीं, कुछ गलत प्रिंट आने पर उसने छपे हुए नकली नोट गोल-मोल कर घर के ही आंगन में फेंक दिये। जिसे उसके मकान मालिक ने देख लिया। उसे शंका हुई। उसने पुलिस को सूचना दी इसी के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
दादा डिप्टी कलेक्टर, पिता नगर निगम कर्मचारी, भाई हिस्ट्री शीटर
डॉक्टर दीपेश के दादा स्व. गजानन यादव डिप्टी कलेक्टर थे। उनका समाज में काफी सम्मान था। दीपेश के पिता शिवकुमार यादव भी नगर निगम में कर्मचारी हैं जबकि दीपेश का भाई अंकित यादव इंदौर के परदेशीपुरा थाने का लिस्टेड गुंडा है। इसके खिलाफ 10 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बुआ ने घर से निकाला

मामले को ठंडा करने राजनीतिक धमकी
बताया जा रहा है कि इस मामले में दीपेश को बचाने और उसके कंपाउंडर को फंसाने के लिए राजनीतिक पहुंच पकड़ का उपयोग भी किया जा रहा है। जबकि पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बताया जाता है कि एक दिग्गज कांग्रेसी नेता का दीपेश के परिवार पर वरदहस्त रहा है। बुआ को सीएम शिवराज सिंह ने सम्मानित किया। इस बात का भी फायदा उठाने का प्रयास किया जा रहा है। सीएसपी अजय जैन एवं टीआई राजीव त्रिपाठी का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ पुख्ता कानूनी कार्रवाई की जा रही है। मामला नकली नोटों की छपाई से जुड़ा है इसलिए किसी भी राजनीतिक दवाब के कारण मामले में ढील नहीं दी जा सकती।