
उन्होंने अपने लिखित बयान में बताया है कि कंटेंट ऑन डिमांड पॉलिसी के तहत रेलवे यह सुविधा देगा। इसके तहत यात्री को पहले से मांग करने होगी, जिसके मुताबिक ऑडियो या वीडियो उसकी डिवाइस में अपलोड कर दिया जाएगा। शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों से शुरुआत की जाएगी।
मुफ्त नहीं है, चुकाना होगी अतिरिक्त कीमत
बहरहाल, यह सुविधा निःशुल्क नहीं रहेगी। रेलवे इसको भी कमाई का जरिया बनाने की कोशिश करेगा। हालांकि शुल्क क्या रहेगा, इस पर अभी फैसला होना बाकी है। सूत्रों के मुताबिक, इस तरह की सुविधाएं प्रदान करके रेलवे नॉन-फेयर रेवेन्यू को 5 फीसद से बढ़ाकर 10 से 20 फीसद तक ले जाना चाहता है।