मनीष मल्होत्रा की फेसबुक प्रोफाइल से लिया गया फोटो |
यह संभवत: पहला मामला है जब जीएसटी परिषद के किसी अधिकारी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। यह आरोप है कि पूर्व में केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में नियुक्त मल्होत्रा भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल था। वह निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाने तथा उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के एवज में रिश्चवत लेता रहता था। जांच एजेंसी को यह पता चला कि मल्होत्रा की तरफ से मानस पात्रा लोगों से संपर्क करता और तिमाही या मासिक आधार पर रिश्वत लेता था।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार पात्रा रिश्वत की राशि अपने कोष में जमा करता और बाद में उसे मल्होत्रा की पत्नी शोभना के एचडीएफसी बैंक खाते और बेटी के आईसीआईसीआई बैंक खाते में भेजता। जांच एजेंसी के एक अधिकारी के अनुसार सीबीआई को यह पता चला था कि मानस पात्रा मनीष मल्होत्रा के निवास पर जा कर धन-राशि के साथ कुछ कागज सौंपने वाला था जिसमें रिश्वत प्राप्तियों के बारे में पूरा ब्योरा होगा। उसने कहा कि सीबीआई ने परिसर की तलाशी ली और मल्होत्रा तथा पात्रा को रिश्वत की राशि तथा कुछ दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया।