नई दिल्ली। तमाम हंगामे और शोर शराबे के बाद लोगों को GST थोड़ा थोड़ा समझ आना शुरू हुआ ही था कि अब उसमें बदलाव की बयार शुरू हो रही है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए हैं कि GST की समीक्षा के दौरान कई बदलाव किए जा सकते हैं। यह लगातार चलते रहेंगे। इसके अलावा टैक्स स्लैब में भी बदलाव किए जाएंगे। हो सकता है 12 और 18 प्रतिशत को मिलाकर एक कर दिया जाए।
GST के तहत आने वाले समय में 12 फीसदी और 18 फीसदी वाले टैक्स स्लैब खत्म किए जाने की उम्मीद है। बदलाव के बाद इन दोनों की जगह एक टैक्स स्लैब ले सकता है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली बुधवार को इसका संकेत दे चुके हैं। वित्तमंत्री ने कहा था कि जैसे जैसे GST आगे बढ़ेगा वैसे-वैसे इसके टैक्स स्लैब पर पुनर्विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की भी संभावना जताई कि 12 फीसदी और 18 फीसदी टैक्स स्लैब को मिलकर एक स्लैब बना दिया जाए।
जीएसटी (GST) को लॉन्च हुए एक महीना हो चुका है। फिलहाल जीएसटी के तहत अलग-अलग वस्तुओं पर अलग-अलग टैक्स का प्रावधान रखा गया है। इसमें 3 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 24 फीसदी टैक्स का प्रावधान है। रोजमर्रा की इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजों को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है।
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने GST के अलग-अलग टैक्स स्लैब पर सरकार का बचाव भी किया। उन्होंने कहा कि देश में एक समान टैक्स का प्रावधान नहीं हो सकता, हवाई चप्पल और BMW कार पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता। उन्होंने कहा कि GST का उद्देश्य घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देना भी है, सरकार नहीं चाहती की सस्ते विदेशी उत्पाद देश में आते रहें।