शिमला। हिमाचल प्रदेश में 15 साल की छात्रा से गैंगरेप के आरोपी की हिरासत में मौत के मामले में सीबीआई ने आईजी और डीएसपी समेत 8 पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने सभी को 4 सितम्बर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। गिरफ्तारी सीबीआई ने की है जो गुड़िया गैंगरेप मामले की जांच कर रही है। सीबीआई ने इस मामले में अलग से एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई के प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि गैंगरेप के आरोपी सूरज नेपाली (29 साल) की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में आईजी पुलिस, डीएसपी, कोटखाई थाना इंचार्ज समेत 8 पुलिसवालों को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों को कोर्ट ने 4 सितंबर तक पुलिस कस्टडी में भेजा है। 1994 बैच के आईपीएस जहूर जैदी गुड़िया गैंगरेप-मर्डर केस के लिए बनाई गई एसआईटी के हेड थे। जांच एजेंसी ने गैंगरेप और हिरासत में सूरज की मौत की अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं।
क्या है मामला?
4 जुलाई को शिमला के पास कोटखाई में स्कूल से छुट्टी के बाद 15 साल की लड़की (बदला हुआ नाम- गुड़िया) सहेली के साथ घर लौट रही थी। बीच में सहेली दूसरे रास्ते निकल गई। बाद में लड़की को एक पिकअप वैन मिली। इसके ड्राइवर राजू ने उसे बैठने के लिए कहा। पहले भी बच्चे उसकी गाड़ी में बैठते रहते थे। तब गुड़िया को किसी अनहोनी की भनक नहीं थी। वैन की अगली सीट पर दो लोग बैठे हुए थे। रास्ते में राजू ने उन्हें पीछे बैठने के लिए कहा और गुड़िया को आगे बैठा लिया। राजू ने बगीचे में सामान की डिलेवरी करने के बाद साथियों से कुछ बात की। इसके बाद सभी आरोपियों ने वैन रोकी और गुड़िया को घने जंगल में ले गए। जहां राजू समेत समेत 5 आरोपियों ने उसके साथ गैंगरेप किया। पुलिस के मुताबिक, घटना के वक्त आरोपी नशे में थे। इसी दौरान उन्होंने गला घोंटकर लड़की का मर्डर कर दिया। दो दिन बाद जंगल में गुड़िया की बॉडी मिली थी।
घटना के बाद फूटा था गुस्सा
गुड़िया के साथ हुई घिनौनी वारदात के बाद लोग पुलिस की जांच से नाराज थे। दो-तीन बाद गुस्साए लोगों ने ठियोग इलाके में 5 घंटे तक नेशनल हाईवे को जाम किया। इस प्रदर्शन में 11 पंचायतों से आए लोगों शामिल हुए थे। करीब 3 हज़ार लोगों ने थाने पर धावा बोला दिया और पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाता था। उनकी मांग थी कि घटना की सीबीआई जांच कराई जाए। घटना के एक हफ्ते बाद पुलिस ने आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू, सुभाष बिष्ट, दीपक और नेपाली मूल के सूरज सिंह और लोकजन उर्फ छोटू को गिरफ्तार कर लिया। बाद में इनमें से एक आरोपी की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत हो गई। उसकी फैमिली ने साजिशन हत्या का आरोप लगाया था।
सरकार ने जांच सीबीआई को सौंपी
हिमाचल सरकार ने जांच के लिए बनाई एसआईटी के 3 अफसरों का तबादला कर दिया। इसके बाद लोगों की मांग मानते हुए केस सीबीआई के हवाले कर दिया। इसके बाद एक आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई।