अमिताभ बच्चन किसी के लिए आज भी एंग्री यंग मैन है. तो किसी के लिए वो महानायक हैं. किसी के लिए बिग बी. मगर ये महानायक, बिग बी और एंग्री यंग मैन भी जिंदगी में कभी ऐसे दौर से गुजरा है, जिसकी उनके फैंस ने कल्पना भी नहीं की होगी. आज जब घर-घर में केबीसी का सीजन-9 लेकर फिर से अमिताभ बच्चन से दर्शकों से रूबरू हो रहे हैं, तो आपको बता दें कि ये केबीसी ही है, जिसने अमिताभ बच्चन की डूबती जिंदगी को सहारा दिया था. शायद यही वजह रही कि अमिताभ जब भी केबीसी को होस्ट करते हैं, तो उनमें एक अलग ही तरह की सहजता और सौम्यता नजर आती है. जैसे वह पूरी जी जान से इस शो से दर्शकों को जोड़ने के लिए जुट जाते हैं. समय-समय पर उन्होंने नये-नये रूप धरकर और प्रतिभागियों की फरमाइश पर तरह-तरह के एक्ट करके मनोरंजन करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है.
बात सन् 2000 की ही है, जब अमिताभ बच्चन पूरी तरह कर्ज में डूबे थे. उन पर 90 करोड़ का कर्ज था. उनकी कंपनी एबीसीएल (अमिताभ बच्चन कॉपरेशन लिमिटेड) बंद होने को थी. उनके पास न खास फिल्में थी और न ही कोई दूसरा ऐसा काम, जिससे वो कर्ज चुका सकते. उनके घर प्रतीक्षा के बाहर सुबह से लेनदारों की लंबी लाइन लग जाया करती थी. सिर्फ इतना ही नहीं, पैसे वापस लेने के लिए लोग उन्हें गालियां और धमकियां तक देते थे. अमिताभ बच्चन ही नहीं, पूरे बच्चन परिवार के लिए यह बेहद बुरा वक्त था.
अमिताभ खुद कई इंटरव्यूज में इसका जिक्र कर चुके हैं. उनकी मानें, तो उनके 44 साल के करियर का वो सबसे बुरा और भयानक वक्त था. तब अमिताभ बच्चन यश चोपड़ा के पास काम मांगने गए थे और यश जी ने उन्हें मोहब्बते में एक अहम रोल दिया था. मगर जितना कर्ज अमिताभ पर था, उसके लिए सिर्फ मोहब्बते में एक रोल मिलना काफी नहीं थी.
अमिताभ लगातार अपने विकल्पों की तलाश कर रहे थे. तभी स्टार प्लस उनके पास केबीसी का प्रोजेक्ट लेकर पहुंचा. अमिताभ को काम की जरूरत थी. काम क्या था, इस बारे में ज्यादा सोचना उन्हें ठीक नहीं लगा. उन्होंने हां कर दी. औऱ सबकी सोच से इतर इस शो ने रातोंरात अमिताभ बच्चन को फिर से एक बार आम जनता और सिनेमा इंडस्ट्री दोनों के सामने एक नये रूप में पेश किया.
अमिताभ इसके बाद जहां लोगों को करोड़पति बनने का मौका दे रहे थे, वहीं वह खुद भी अपने कर्ज और आर्थिक तंगी से बाहर निकल रहे थे. अक्सर उन्हें कहते सुना जाता है कि केबीसी उनकी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है और हमेशा रहेगा.