
प्रॉपर्टी डीलर जगदेव सिंह के घर की छत से गोली चलने की आवाज आई। घर पर मौजूद सदस्य छत पर दौड़े। छत का दृश्य देखकर परिजनों के पांव तले जमीन खिसक गई। छत पर खून से सना उनके बेटे का शव पड़ा था और पास ही पिस्तौल, जिससे गोली चली थी। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग वहां एकत्रित हो गए। घटना की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंचे।
गौरव को जीएमसी ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने पुलिस को बताया कि बुधवार रात जगदेव सिंह ने अपने बेटे गौरव को मोबाइल फोन के प्रयोग पर डांटा था।
परिजनों के अनुसार, गौरव अक्सर मोबाइल फोन पर गेम खेला करता था और पढ़ाई की ओर ध्यान कम देता था। इस बात से उसके पिता खफा थे। गुरुवार सुबह पांच बजे जगदेव सिंह ने गौरव को उठाकर ट्यूशन पढ़ने के लिए भेजा था, जिससे वह और गुस्से में था। घर आकर गौरव ने पिता की लाइसेंसी पिस्तौल से घटना को अंजाम दे दिया। पुलिस ने शव का पंचनामा करवाकर परिजनों को सौंप दिया।
'मेरे साथ ही जला देना मेरा मोबाइल फोन' खुद को गोली मारने से पहले गौरव ने एक कागज पर अपनी अंतिम इच्छा लिखी, 'मेरी चिता के साथ ही मेरा मोबाइल फोन जला दिया जाए। परिजनों ने जब गौरव के हाथ का लिखा हुआ पत्र पढ़ा तो उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे।