भोपाल। अब तक शिवराज सिंह सरकार अपनी पीठ थपथपाकर कहा करती थी कि उसने पास बिजली की कमी नहीं है। उल्टा मांग से ज्यादा उत्पादन हो रहा है। बिजली सरप्लस हो गई है परंतु अब हालात बदल गए हैं। मप्र में बिजली संकट शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में यह और गहराता जाएगा। प्रदेश में कम बारिश होने पर खाली पड़े बांधों के कारण हाइड्रल पावर प्रोजेक्ट बंद हो गये है। वहीं राज्य के थर्मल पावर प्लांट को चलाने के लिए कोयला संकट खड़ा हो गया है। मात्र 2 दिन का कोयला बाकी है। इसके बाद ब्लैकआउट हो जाएगा। पीक आवर में बिजली सप्लाई प्रभावित होने लगी है।
जानकारी के मुताबिक, सरकार के पास अगले दो दिन का कोयला स्टाक बचा है। राज्य के कई थर्मल पावर प्लांट बंद है। ऐसे में अगले दो दिन में प्रदेश के ब़ड़े हिस्से में ब्लैक आउट होने की संभावना बन गई है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने स्वीकार किया कि सरकार बिजली संकट से जूझ रही है। ऐसे में कोयला आपूर्ति को लेकर राज्य सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त खेप की डिमांड की है।
क्या है पूरा मामलाः
कम पानी से हाइड्रल पावर प्रोजेक्ट बंद हो गए हैं। 12 में से सिर्फ एक हाइड्रल पावर प्रोजेक्ट में उत्पादन हो रहा है। थर्मल पावर प्लांट में कोयला संकट खड़ा हो गया है। बिजली बनाने के लिए सिर्फ दो दिन का कोयला बाकी है। त्यौहारों के कारण बिजली की मांग 7 हजार 400 मेगावाट पहुंच गई है। मांग के विपरित आपूर्ति में आई कमी है। अमरकंटक, संजय गांधी, सतपुड़ा और सिंगाजी पावर प्लांट की उत्पादन क्षमता में आई कमी है। राज्य सरकार ने केंद्र से कोयला मांगा है। सरकार बाहर से बिजली खरीदने पर भी विचार कर रही हैं।